नंदापथ पर पीहर से कैलाश चली हिमालय पुत्री
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : देवभूमि के नंदातीर्थ में आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। नंदापथ पर अक्षत व पुष्प
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : देवभूमि के नंदातीर्थ में आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। नंदापथ पर अक्षत व पुष्प वर्षा के बीच मां नंदा एवं सुनंदा का पवित्र डोला आगे बढ़ता गया और माहौल उतना ही भावुक होता गया। छह दिन तक मायके में रहने के बाद अराध्य मां नंदा को रूंधे गले व भीगी पलकों के साथ उसकी ससुराल कैलाश को ठीक वैसे ही विदा किया गया, जैसे बहन या बेटी को। यह सब अछ्वुत, अलौकिक व अविस्मरणीय रहा। अगले बरस मायके में फिर पधारने के आह्वान तथा जयकारों से ऐतिहासिक सांस्कृतिक नगरी नंदामय हो उठी।
दशमी पर हिमालय की देवी पुत्री मां नंदा को कैलाश के लिए विदा किए जाने से पूर्व चंद वंशी कुंवर कृष्ण चंद सिंह बाबा ने दिन में डेढ़ बजे ऐतिहासिक ड्योड़ीपोखर स्थित कुलदेवी के मंदिर में शोभायात्रा में राजपुरोहित पं. नागेश पंत, पं. दिनेश पंत, पं. हरीश पंत के निर्देशन में विशेष पूजा की। यहां से वह नंदातीर्थ पहुंचे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद मां नंदा व सुनंदा के पवित्र डोले की शोभायात्रा के रूप में नगर परिक्रम करा कैलाश को विदा किया गया। मां नंदादेवी मंदिर के आंगन से शोभायात्रा लाला बाजार, बंसल गली से उतर ड्योड़ी पोखर पहुंचने पर कुलदेवी की महाआरती हुई। यहां से सीढ़ी बाजार, कचहरी व थाना बाजार, कैंट होते हुए डोबानौला पहुंची। यहां मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाएं विधि विधान से वर्सिजत कर भावुक विदाई दी गई। विधायक रघुनाथ चौहान, पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी, पूर्व विधायक मनोज तिवारी व कैलाश शर्मा, मेलाधिकारी एसडीएम सीमा विश्वकर्मा, कमेटी अध्यक्ष मनोज वर्मा आदि श्रद्धालु शामिल रहे।