विस उपाध्यक्ष के जरिये राज्य सरकार पर दबाव की रणनीति
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संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सीधी भर्ती में पदोन्नति में आरक्षण का पुरजोर विरोध करते हुए उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लॉइज एसोसिएशन ने मोर्चाबंदी तेज कर दी है। पदाधिकारियों ने इस त्रुटि को सही करने संबंधी मंत्रीमंडल के निर्णय को लागू कर शीघ्र शासनादेश की मांग उठाई है। साथ ही राज्य सरकार पर दबाव के लिए कर्मचारी नेताओं ने विस अध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान को सीएम के नाम पत्र दे ठोस पहल का आग्रह किया।
कैंप कार्यालय में विस उपाध्यक्ष चौहान से मिले शिष्टमंडल ने कहा कि नवसृजित राज्य में वर्ष 2001 में एससी वर्ग के पक्ष में 19 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था। क्रियान्वयन को रोस्टर में सीधी भर्ती पर आरक्षण का प्रतिशत 50 से 20 तक बना रहा जो कतई न्याय संगत नहीं था। इसी के निस्तारण को मंत्रीमंडल ने बीती 28 अगस्त को पहले रोस्टर बिंदु में बदलाव किया, जो आरक्षण का उचित प्रतिशत लागू करने में सहायक होगा। संघ महासचिव दिगंबर दत्त फुलोरिया ने तर्क दिया कि पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था निर्बाध नहीं है। यह भी कहा कि राज्य में पदोन्नति में आरक्षण का कोई नियम लागू नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश में इसे पूर्व में ही समाप्त किया जा चुका है। मगर यहां सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग के कार्मिकों में नाराजगी बढ़ रही। उन्होंने विस उपाध्यक्ष से पैरवी के लिए शासकीय अधिवक्ताओं का पैनल बना सचिवालय स्तर पर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कराने को ठोस पहल का आग्रह किया। चौहान ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया। इस मौके पर संघ अध्यक्ष गोपाल सिंह चिलवाल, पूरन सिंह, पूरन पाडे, जीबी जोशी, सीएनसी भट्ट, केएन काडपाल, अंबा दत्त पाडे, केसर सिंह बिष्ट, उमापति पाडे आदि मौजूद रहे।