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जंगली जानवर फेर रहे हैं काश्तकारों की गाढ़ी मेहनत पर पानी

संवाद सहयोगी दन्यां विकासखंड धौलादेवी के अनेक गांवों में जंगली जानवरों के आतंक से क

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 11:02 PM (IST)
जंगली जानवर फेर रहे हैं काश्तकारों की गाढ़ी मेहनत पर पानी
जंगली जानवर फेर रहे हैं काश्तकारों की गाढ़ी मेहनत पर पानी

संवाद सहयोगी, दन्यां : विकासखंड धौलादेवी के अनेक गांवों में जंगली जानवरों के आतंक से काश्तकार खासे परेशान हो रहे हैं। रात में जंगली जानवर तो दिन में बंदर और लंगूर खरीफ की लहलहाती फसल को तबाह कर रहे हैं। क्षेत्र के प्रभावित काश्तकारों ने प्रशासन से क्षति का आकलन करते हुए मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।

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पहाड़ में पिछले कई सालों से जंगली जानवर काश्तकारों की गाढ़ी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। उपजाऊ खेतों में तैयार फसल को जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद करने से अधिकांश मायूस काश्तकारों ने अब खेती करना ही छोड़ दिया है। हालत यह है कि अधिकांश सीढ़ीनुमा खेत अब बंजर पड़ गये हैं और गांवों की कई बाखलियां वीरान हो चुकी हैं। जो लोग यहां से पलायन नहीं कर पाये हैं वे अपनी फसल को बचाने के लिए रात भर जागरण करने को विवश हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों से बंदरों और सुअरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि यहां का मेहनतकश किसान पूरी तरह से मायूस चुका है। पूर्णतया खेती पर ही निर्भर रहने वाले यहां के काश्तकार बहुत परेशान हो गये हैं। ग्रामीणों ने सरकार से प्रभावित परिजनों को मुआवजा प्रदान करने की मांग की है। खेतों में खड़ी फसल, फलों से लकदक पेड़ और साग सब्जी के खेतों को रात में सुअरों द्वारा खोदने और दिन में बंदर और लंगूरों द्वार चट किये जाने के बावजूद प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं दिया जाता है। धौलादेवी विकासखंड के एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों के प्रभावित काश्तकारों ने जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद हुई खरीफ की फसल का मुआवजा प्रदान करने की मांग जिला प्रशासन से की है।


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