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शिक्षकों की तैनाती में अनियमितता का ग्रहण

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था चरमराई गई है। जिले के विद्यालयों में श

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 09:57 AM (IST)
शिक्षकों की तैनाती में अनियमितता का ग्रहण
शिक्षकों की तैनाती में अनियमितता का ग्रहण

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था चरमराई गई है। जिले के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में अनियमितता का ग्रहण सा लग गया है। कई स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त नियुक्ति नहीं है। जिससे छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया है। वहीं कई ऐसे भी स्कूल है जिनमें मानकों से अधिक शिक्षक तैनात किए गए हैं।

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जिले में कुल 1293 प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं। जिनमें 213 विद्यालयों में एक-एक शिक्षक तैनात किए गए हैं। वहीं जिले में 45 प्राथमिक स्कूल ऐसे है जिनमें मानकों से अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है। मानकों के अनुसार एक से दस तक छात्रों वाले विद्यालय में एक शिक्षक की तैनाती तथा दस से अधिक छात्रों वाले विद्यालयों में कम से कम दो शिक्षकों का होना अनिवार्य है। जिले में अनेक ऐसे सरकारी स्कूल हैं। जिनमें 20 से 30 छात्र हैं लेकिन वहां एक शिक्षक की तैनाती की गई है। वहीं कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में शिक्षकों की भरमार है। शिक्षा विभाग मानकों के अनुसार विद्यालयों में शिक्षक की तैनाती नहीं करा पा रहा है। आवश्यकता वाले स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती न होना शिक्षा विभाग पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है।

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शिक्षकों का समायोजन बना चुनौती

जिले के स्कूलों में कम बच्चों पर अधिक शिक्षकों की तैनाती की समस्या सामने आने के बाद अब विभाग ऐसे स्कूलों से शिक्षकों के समायोजन की बात कर रहा है, लेकिन अधिकारियों के निर्देश के बाद भी अब तक शिक्षकों के समायोजन की कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिस कारण जहां कई स्कूलों में बच्चों के लिए पर्याप्त शिक्षक तैनात नहीं हैं। वहीं कई स्कूलों में कम बच्चों पर मानक से अधिक शिक्षक तैनात किए गए हैं। ऐसे में समायोजन के बिना इस समस्या से निजात नहीं पाई जा सकती।

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इन स्कूलों में तैनात हैं मानक से अधिक शिक्षक

प्राथमिक स्कूल बैंगनिया, बरम, फूटा, पीपली, स्युनानी, पच्चीसी, गंगोला कोटुली, नाई, रौल्यांणा, कड़ाकोट, सैनोली, खेरदा, सेल्टाचापड़, सूरी, ढीका, तलाई, भैंसोड़ा, नगरकोटिया, उजराड़ आदि।

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मानकों से अधिक शिक्षक वाले स्कूलों से जल्द शिक्षकों को हटाकर आवश्यकता वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

-राय साहब यादव, डीईओ बेसिक अल्मोड़ा

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