Move to Jagran APP

मानसून काल के लिए जिले के पास पर्याप्त राशन नहीं

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में आ रही आपदा के बाद भी शासन आपदा की

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 08:37 AM (IST)
मानसून काल के लिए जिले के पास पर्याप्त राशन नहीं
मानसून काल के लिए जिले के पास पर्याप्त राशन नहीं

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में आ रही आपदा के बाद भी शासन आपदा की घटनाओं से निपटने के लिए गंभीर नहीं है। पर्वतीय जिलों में आपदा से निपटने के लिए चाक चौबंद होने के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके लिए अधिकारियों के दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अल्मोड़ा जिले के पास अभी तक मानसून काल के तीन महीने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न तक उपलब्ध नहीं है।

loksabha election banner

प्रदेश में वर्ष 2010, 2013 और उसके बाद हुई आपदा की घटनाओं के बाद से शासन मानसून काल में पर्वतीय जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में तीन महीने के खाद्यान्न भंडारण के निर्देश पूíत विभाग को देता आया है। निर्देशों के तहत प्रत्येक पर्वतीय जिले के पास माह जून, जुलाई के लिए पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध होना चाहिए। ताकि आपदा की स्थिति में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, लेकिन इस बार अभी तक अल्मोड़ा जिले को इन तीन महीनों का खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पाया है। शासन द्वारा अभी तक जिले को मई महीने का खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। जिसे पूíत विभाग द्वारा अपने गोदामों में भंडारण किए जाने की कवायद चल रही है। एक ओर जिला स्तर के अधिकारी विभागीय बैठकों में बार-बार मानसून काल के दौरान तीन महीने के खाद्यान्न भंडारण की बात करते नहीं थक रहे हैं। वहीं सच्चाई यह है कि मानसून काल में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कारगर कदम सिरे से नदारद हैं। ऐसे में मानसून काल में आपदा की स्थिति में इसका खामियाजा जिले के आम आदमी को ही भुगतना पड़ सकता है।

-----------------------

जिले को करीब दो हजार क्विटल की दरकार

मानसून काल के दौरान जिले को तीन महीनों के लिए करीब दो हजार क्विटल अनाज की जरूरत होती है। जिसमें करीब बारह सौ क्विटल गेहूं और आठ सौ क्विटल चाल की जरूरत होती है, लेकिन अल्मोड़ा जिले को अभी तक शासन से केवल मई महीने का दो सौ क्विटल गेहूं और डेढ़ सौ क्विंटल चावल ही अवमुक्त हो पाया है।

-----------------------------

जिले में 22 गोदाम, अधिकांश खस्ताहाल

जिले की बात करें तो यहां अनाज के भंडारण के लिए करीब 22 गोदाम अलग अलग ब्लॉकों में बनाए गए हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश की हालत काफी खस्ता है। स्वयं जिला मुख्यालय की बात करें तो माल रोड पर स्थित पूíत विभाग का गोदाम रोडवेज बस स्टेशन के नीचे खुले में बनाया गया है। जहां बरसात के मौसम में खाद्यान्न को सुरक्षित रख पाना टेडी खीर साबित होता है। वहीं गर्मियों में गोदाम के आसपास फैली गंदगी भी परेशानी का सबब बनती है।

-----------------------------

अल्मोड़ा जिले को मई महीने का खाद्यान्न उपलब्ध हो गया है। जिसे गोदामों में रखवाया जा रहा है। जिले की बात करें तो यहां मानसून काल में खाद्यान्न के भंडारण की अधिक जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि जिला आपदा के लिहाज से इतना संवेदनशील नहीं है। जहां जितनी जरूरत होती है वहां उतना खाद्यान्न उपलब्ध करा दिया जाता है।

-जगदीश वर्मा, जिला पूíत अधिकारी, अल्मोड़ा

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.