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नीर बढ़ा रहा पीर, समस्या हुई गंभीर

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल किल्लत लगातार भयावह रूप धारण करती जा रही है

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 06:26 AM (IST)
नीर बढ़ा रहा पीर, समस्या हुई गंभीर
नीर बढ़ा रहा पीर, समस्या हुई गंभीर

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल किल्लत लगातार भयावह रूप धारण करती जा रही है। पेयजल योजनाएं जहां अब लोगों की प्यास बुझाने में लगातार नाकाम साबित हो रही हैं। वहीं लोगों को पेयजल की व्यवस्था के लिए रात रात भर जागना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारियों ने तमाम शिकायतों के बाद भी पेयजल आपूíत सुचारू होने का नाम नहीं ले रही है।

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जिले के हवालबाग विकास खंड के ग्राम पंचायत गढ़वाली, पपोली, कमाला, लमतड़ी व क्वैराली गांवों में पिछले बीस दिनों से पेयजल को लेकर त्राहि-त्राहि मची है। विकास खंड के इन गांवों में डेढ़ सौ से दो सौ परिवार निवास करते हैं। अधिकांश परिवार पशुपालन और खेती कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता गणेश भट्ट ने बताया कि इन गांवों में पेयजल की किल्लत होने के कारण अब इन गांवों के लोग करीब दो किमी दूर कठपुड़िया से हैंडपंप के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि गंदा पानी पीने के कारण अब इन गांवों में संक्रामक रोगों के बढ़ने की संभावना भी बढ़ गई है। भट्ट ने बताया कि पेयजल किल्लत के कारण अब लोगों के सामने अपने मवेशियों को पालने का संकट भी पैदा हो गया है, लेकिन कई बार शिकायत के बाद भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

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रात भर जागने के बाद भी नहीं मिल रहा दो बूंद पानी

हवालबाग विकास खंड के इन गांवों को पेयजल मुहैया कराने के लिए करीब तीस साल पहले ऐडेश्वर-लमतड़ी पेयजल योजना का निर्माण किया गया था। पेयजल मुहैया कराने के लिए गांवों में टैंकों का निर्माण भी किया गया था, लेकिन देखरेख के अभाव में अब यह योजना लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रही है। ग्रामीण रात भर पानी के इंतजार में यहां जगे रहते हैं। लेकिन इसके बाद भी उन्हें जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पा रहा है।

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आठ साल में योजना नहीं हुई पूरी

ग्रामीणों की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए इस क्षेत्र में वर्ष 2011 में यहां सिरौता-द्योलिखान योजना को स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसमें नए टैंकों के निर्माण समेत लाइनें भी बिछा दी गई है, लेकिन आज तक इन लाइनों में पानी आना शुरू नहीं हुआ है।

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जिन गांवों में पेयजल किल्लत की समस्या सामने आ रही है। वहां के अधिकारियों को समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले को संज्ञान में लिया जाएगा और शीघ्र पेयजल आपूíत की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

-केएस खाती, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान अल्मोड़ा


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