खीड़ा के अनेक जंगलों में धधक रही है आग
संस चौखुटिया क्षेत्र के विभिन्न जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। एक के बाद
संस, चौखुटिया: क्षेत्र के विभिन्न जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। एक के बाद एक जंगल आग की चपेट में आते जा रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्र खीड़ा के जंगलों में भी एक-दो रोज से भयंकर आग लगी है। इससे जहां वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है, वहीं आग की तपन से जल स्रोतों के सूखने के आसार बढ़ गए हैं। वन्य जीवों का जीवन भी खतरे में है। आग बुझाने की दिशा में विभाग के सभी प्रयास नाकाफी हैं तथा जंगलों से ग्रामीणों के परंपरागत हक छीन जाने से वे भी उदासीन बने हैं।
इस बार समय समय पर बारिश होने से अप्रैल माह के आखिर तक जंगल सुरक्षित रहे, पर बीते कुछ दिनों से धूप में तेजी आने के साथ ही वनों में आग लगने की घटनाएं एकाएक बढ़ चली हैं। चौखुटिया के सुनगड़ी, खत्रीगांव, टटलगांव, विजरानी, केदार, मल्ला ताजपुर व कफलिया गांवों से लगे जंगलों के बाद अब खीड़ा क्षेत्र के जंगलों में भी आग धधक रही है। कहीं भी आग पर नियंत्रण न पाए जा सकने से आग की लपटें निरंतर आगे बढ़ती जा रही है। इससे वन संपदा आग की भेंट चढ़ती जा रही है।
वन विभाग के पास आग पर नियंत्रण पाने के कारगर उपाय न होने से आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पूर्व प्रधान खीड़ा लक्ष्मण सिंह नेगी ने विभाग अधिकारियों पर आग के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। कहा है कि सूचना के बाद भी विभाग हलचल में नहीं आ रहा है। उनका यह भी कहना है कि ग्रामीणों के वनों से परंपरागत हक छीन जाने से ग्रामीण भी रूचि प्रदर्शित नहीं कर रहे हैं।
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