spandan-2020 : रचनात्मक तरीके से युवाओं ने उठाए सामाजिक मुद्दे, अंतर संकाय युवा महोत्सव का चौथा दिन
अंतर संकाय युवा महोत्सव स्पंदन-2020 के तहत बीएचयू में आयोजित इस महोत्सव के चौथे दिनराष्ट्रीय व सामाजिक संदेशों का मंच साबित हो रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। अंतर संकाय युवा महोत्सव 'स्पंदन-2020' राष्ट्रीय व सामाजिक संदेशों का मंच साबित हो रहा है। बीएचयू में आयोजित इस महोत्सव के चौथे दिन जहां रचनात्मक नृत्य, शास्त्रीय संगीत, कविता पाठ, स्केचिंग, क्विज, मिमिक्री आदि के फाइनल राउंड आयोजित हुए, वहीं लघु नाटक, नृत्य, एक्सप्रेशन आदि में निर्भया केस, बाल मजदूरी व प्लास्टिक की समस्या को उठाया गया। केएन उडप्पा सभागार में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' अभियान को समर्पित अभिव्यक्ति प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
11 टीमों ने हिस्सा लिया और 'प्लास्टिक के बेजा इस्तेमाल से होने वाली समस्या', 'विविधता में एकता' आदि विषय को प्रमुखता से उठाया गया। कृषि विज्ञान संस्थान की टीम ने राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया और कला संकाय की प्रस्तुति ने वाहवाही लूटी। एंफीथिएटर ग्राउंड में चल रही रचनात्मक नृत्य स्पद्र्धा में प्रतिभागियों ने बाल मजदूरी, प्रकृति संरक्षण, खाद्य पदार्थ संरक्षण आदि सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। संगीत की धुन ने झुमाया एंफीथिएटर ग्राउंड में पाश्चात्य समूह संगीत प्रतियोगिता दोपहर बाद शुरू हुई। इसमें 23 टीमों ने पंजीयन कराया था। इस दौरान 'लेट मी लव यू.', 'अटेंशन..', 'चिप..' आदि गीतों पर श्रोता खुद को थिरकने से रोक न सके। निर्णायक मंडल में डा. शिवानी आचार्य, डा. एमएस श्यामा व डा. एसके शर्मा थे।
एकल शास्त्रीय नृत्य में 23 प्रतिभागियों
संयोजन डा. बाला लखेंद्र व डा. धीरेंद्र कुमार राय ने किया। शास्त्रीय नृत्य ने मोहा मन -पं. ओंकारनाथ ठाकुर प्रेक्षागृह में एकल शास्त्रीय नृत्य में कुल 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुचीपुड़ी, कत्थक, ओडीसी, कथकली व भरतनाट्यम की प्रस्तुति हुई। निर्णायक मंडल में डा. दीपान्विता सिंह राय, डा. लीना भट्ट व डा. संध्या राय रहीं। वहीं क्लासिकल वोकल सोलो में प्रतिभागियों ने अपनी मेधा से प्रभावित किया। तीन भाषा में स्व-रचित कविता पाठ विज्ञान संकाय के लेक्चर थिएटर में 'स्व-रचित कविता पाठ' स्पद्र्धा का आयोजन किया गया। हिंदी, अंग्रेजी के साथ संस्कृत में आयोजित स्पद्र्धा का विषय धारा-370, छात्र जीवन में खेल का महत्व, गंगा, सोशल मीडिया का प्रभाव व खेती और किसानी था। हिंदी में 22, अंग्रेजी में 19 व संस्कृत में 12 प्रतिभागी शामिल हुए। होलियाना हुई स्केच दृश्य कला संकाय में स्केच स्पद्र्धा में 23 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। स्पंदन की झांकी व होली के त्योहार को उकेर कर फागुन की मस्ती का एहसास कराया। जीवंत अभिनय ने किया प्रभावित स्वतंत्रता भवन सभागार में लघु नाटिका स्पर्धा में 11 टीमों ने भाग लिया। छात्र-छात्राओं के जीवंत अभिनय ने निर्भया केस के निर्णय में हो रही देरी पर उसके परिवार की स्थिति का मार्मिक चित्रण किया। वसंत कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने स्त्री विमर्श पर आधारित इला नामक लघु नाटिका की प्रस्तुति की तो वहीं वसंता कालेज फार वूमंस की छात्राओं ने हास्य-व्यंग्य से भरपूर 'ताजमहल का टेंडर' की प्रस्तुति दी। मंच कला संकाय की प्रस्तुति वैवाहिक बलात्कार पर केंद्रित रही। उधर, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। मिमिक्री पर लगे ठहाके केएन उडप्पा सभागार में आयोजित मिमिक्री प्रतियोगिता में भिन्न संकायों, संस्थानों और महाविद्यालयों से एक-एक टीमों ने हिस्सा लिया। कृषि संकाय के प्रियांशु दीक्षित ने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे फिर से..' थीम पर श्रोताओं का मनोरंजन किया। वहीं कला संकाय के दृष्टिबाधित छात्र इंद्रजीत साकेत ने रेडियो मिमिक्री से वाहवाही लूटी। एक से बढ़कर एक चुटीले अंदाज ने श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया।