बजट विश्लेषण में चर्चा : पचास हजार से ज्यादा का उपहार लेने पर देना होगा टैक्स Varanasi news
दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के तत्वावधान में रविवार को आयोजित बजट विश्लेषण कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने मंच से जानकारियों का पिटारा खोला।
वाराणसी, जेएनएन। दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के तत्वावधान में रविवार को आयोजित 'बजट विश्लेषण' कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने मंच से जानकारियों का पिटारा खोला। वहीं सामने बैठे चार्टर्ड एकाउंटेंट ने सवालों से मंथन की भूमिका तैयार की। बजट विश्लेषण से निकली जानकारियां कारोबारी, उद्यमी और आमजन का भला करने वाली रहीं। जैसे चैरिटेबल ट्रस्ट या सोसायटी भी 50 हजार से अधिक का उपहार स्वीकारने पर टैक्स के दायरे में होगी। प्रथम एवं द्वितीय चरण के कार्यक्रम का शुभारंभ क्रमश: शाखा उपाध्यक्ष अरुण गुप्ता और शाखा अध्यक्ष रवि सिंह ने किया। सेमिनार में बड़ी संख्या में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की मौजूदगी रही।
खोज एवं जब्ती आयकर विभाग के शक्तिशाली हथियार : कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भूपेंद्र शाह ने कहाकि वित्तीय स्थिति का खुलासा नहीं करने वालों की छिपी आय और संपत्ति खोजने के लिए आयकर विभाग अभियान चलाता है। कमोबेश जब्ती का भी ऐसा ही तात्पर्य है। मसलन, ऐसी परिसंपत्तियों पर कब्जा करना, जिसका खुलासा खातों, दस्तावेजों, कागजात में नहीं किया गया हो। छिपी आय या कीमती वस्तुओं का पता लगाने और कालाधन कम करने के लिए आयकर विभाग के पास खोज व जब्ती दो शक्तिशाली हथियार हैं।
आभूषण समेत ये सामान जब्ती से मुक्त: गिरीश आहूजा ने कहा कि आभूषण, मूल्यवान लेख या वस्तुओं के व्यापार का स्टाक-इन-ट्रेड होने के कारण जब्त नहीं किया जाएगा। प्राधिकृत (विशेष अधिकार प्राप्त) अधिकारी नोट या इन्वेंट्री जरूर बना सकेंगे।
दो लाख से अधिक नकद प्राप्त करने पर उतने का ही अर्थदंड : मुख्य अतिथि मुकेश बंसल ने कहाकि नए बजट प्रावधानों मुताबिक दो लाख से अधिक की धनराशि नकद लेने पर दो लाख ही अर्थदंड देना पड़ेगा। एक साल में एक करोड़ से अधिक धनराशि बैंक से निकालने पर भी दो फीसद टीडीएस कटेगा।
राजनीतिक दलों पर भी टैक्स : विशिष्ट अतिथि अभिषेक पांडेय ने कहाकि राजनीतिक दल आयकर विवरण नहीं देते तो कर के दायरे में आएंगे। धारा 56 में बदलाव होने से ऐसा होगा।
पांच से दस हजार तक जुर्माना : सोसाइटी या ट्रस्ट धारा 12-ए के अधीन पंजीकृत न होने व आयकर विवरणी देर से जमा करने पर विलंब शुल्क का प्रावधान है। मसलन 31 जुलाई के बाद उस वर्ष के 31 दिसंबर तक आइटीआर फाइल करने पर पांच हजार तथा उसके बाद जमा करने पर 10000 रूपये का विलंब शुल्क लगेगा
सेमिनार में इनकी रही मौजूदगी : सीए अमित गुप्ता, नारायण अग्रवाल, शिशिर वाजपेई, सुकात राय, मनोज अग्रवाल, गोविन्द सिंह, केके टिबरेवाल, शशिकात, शिशिर उपाध्याय, विष्णु प्रसाद, सुधीर नारायण, प्रवीण आनंद, केके सिंह, रवींद्र कुमार, सतीश चौबे, विजय प्रकाश, अभय यादव, रश्मि केशरवानी, रूबी बंसल, प्रगति जयसवाल, गिरीश पाडेय, अचल श्रीवास्तव, दीपक अग्रवाल, आलोक शिवाजी, विष्णु अग्रवाल, अंजना जायसवाल, पीके अग्रवाल, राजेंद्र सिंह, केएन गौतम, तेज शकर अवस्थी, बीके मिश्रा, ब्रजेश जायसवाल, वीके जिंदल, आकाश सिंह, अजीत पटेल मौजूद रहे। अध्यक्षता सतीश चंद, जय प्रद्धवानी तथा संचालन ऐश्वर्या व प्रियंका ने किया।