काशी पहुंची दुनिया की पहली 'हॉस्पिटल ऑन व्हील' ट्रेन
--सबहेड ::- स्टेट ऑफ आर्ट चिकित्सा सुविधाओं से लैस है लाइफलाइन एक्सप्रेस -------- -तीन ह
वाराणसी : शायद कम ही लोग जानते होंगे कि भारत में पैलेस ऑन व्हील के अलावा हॉस्पिटल ऑन व्हील ट्रेन यानी लाइफलाइन एक्सप्रेस भी चलती है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग व इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन की ओर से पटरी पर दौड़ने वाली ट्रेन सामान्य तथा दिव्यांग बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराती है।
रविवार को लाइफलाइन एक्सप्रेस के काशी स्टेशन पहुंचने पर भव्य कार्यक्रम के बीच उद्घाटन व स्वागत किया गया। शहर की महापौर मृदुला जायसवाल, अपर मंडल रेल प्रबंधक रवि प्रकाश चतुर्वेदी, स्टेशन निदेशक आनंद मोहन, आरपीएफ प्रभारी अनूप सिन्हा, मुख्य सहयोगी जनरल इंश्योरेंस के महाप्रबंधक दीपक प्रसाद, फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ईजे जोसेफ तथा मुख्य ट्रस्टी प्रो.रोहिणी चोगुले उपस्थित थीं। ट्रेन आने वाले तीन हफ्तों के लिए काशी स्टेशन पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी।
संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि सात कोच वाली विशेष ट्रेन में आने वाले लोगों के लिए ओपीडी के साथ ही ऑपरेशन थियेटर की व्यवस्था की गई है। ट्रेन में सामान्य तथा दिव्यांग बच्चों के लिए रोगों से बचाव को दिए जाने वाले टीके व दवाइयां मौजूद रहेंगी। यहां शल्य चिकित्सा के बाद शहर के अस्पतालों में स्वास्थ्य लाभ की व्यवस्था की गई है।
लाइफलाइन एक्सप्रेस चलाने वाला पहला देश बना भारत : इस ट्रेन के माध्यम से चलाए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रम की मुख्य ट्रस्टी प्रो. रोहिणी चोगुले ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर भारत में पहली बार इस ट्रेन को वर्ष 1983 में चलाया गया। इसके बाद ही चीन तथा अन्य देशों ने इस ट्रेन का संचालन शुरू किया।
बनारस से बिना मांगे मिला प्रेम और सहयोग : इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन के पदाधिकारी के अनुसार बिना किसी खास प्रचार-प्रसार के बनारस से करीब 60 से 70 युवाओं ने तीन हफ्तों तक ट्रेन में आने वाले मरीजों की सेवा करने के लिए संपर्क किया है। युवाओं के साथ ही शहर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.वीवी सिंह तथा चिकित्सक डा.आरके ओझा अपनी टीम के साथ मुस्तैद रहेंगे। साथ ही संस्था के अपने विशिष्ट डाक्टरों की टीम भी मौजूद रहेगी।
बेलारी से काशी फिर आरा जाएगी जीवनरेखा एक्सप्रेस : मुख्य ट्रस्टी के अनुसार ट्रेन अब तक 195 जगहों पर सफलता पूर्वक लोगों की सेवा कर चुकी है। उनका मकसद पिछड़े शहरों में जाकर बच्चों तथा लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं निश्शुल्क पहुंचाने का है। ट्रेन बेलारी कर्नाटक से काशी तथा यहां से बिहार के आरा जाएगी।