Move to Jagran APP

World Water Day 2021 : वाराणसी के रामनगर से राजघाट तक बन रहा चैनल गंगा के घाटों के लिए खतरनाक : विश्वम्भरनाथ

संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने आशंका व्यक्त की है कि गंगा उस पार रामनगर से राजघाट तक बन रहा 20 मीटर चौड़ा और 10 मीटर गहरा चैनल काशी की गंगा के लिए खतरनाक साबित होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 09:19 PM (IST)
World Water Day 2021 : वाराणसी के रामनगर से राजघाट तक बन रहा चैनल गंगा के घाटों के लिए खतरनाक : विश्वम्भरनाथ
विश्व जल दिवस पर तुलसी घाट पर द्वीपदान कार्यक्रम का आयोजन है।

वाराणसी, जेएनएन। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने आशंका व्यक्त की है कि गंगा उस पार रामनगर से राजघाट तक बन रहा 20 मीटर चौड़ा और 10 मीटर गहरा चैनल काशी की गंगा के लिए खतरनाक साबित होगा। इसके बन जाने से गंगा काशी के घाटों को  छोड़ देंगी।

loksabha election banner

उन्होंने यह आशंका सोमवार को संकट मोचन फाउंडेशन के तत्वावधान में विश्व जल दिवस पर तुलसी घाट पर द्वीपदान कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष कही। उन्होंने कहा कि काशी में गंगा का ज्यादा महत्व है। यहां गंगा का आध्यात्मिक रूप है। गंगा मुक्ति व भुक्ति दोनों दिलाती हैं। आज गंगा में सफाई का कार्य जरूरत के मुताबिक नहीं हो रहा है।काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ व गंगा से  है। गंगा काशी में सात्विक भाव से गंगा बहे इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। आज यह जरूरी है कि गंगा में सीवेज निस्तारण न हो।

कार्यक्रम में आई टी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो. एसएन उपाध्याय ने कहा कि  जल का मूल्य अमूर्त है। हमें इसपर चर्चा करनी चाहिए। हिंदी साहित्य में पानी पर बहुत मुहावरे हैं। सभी साहित्यिक ग्रन्थों में जल का ही वर्णन है। भारतीय सिनेमा के पुराने गीतों में जल पर आधारित गीत हैं। यहां हम जल के अमूर्त मूल्य को महत्व दिया गया है जो बेशकीमती हैं। जल संरक्षण को लेकर भी हमारे धर्म ग्रन्थों में उदाहरण मिलते हैं। इस आधार पर हमें जल संरक्षण के उपाय करना चाहिए। मुख्य अतिथि पूर्वांचल विकास समिति के उपाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि यह बिडम्बना है कि आज पोखरे तालाबों नदियों का देश पानी बचाने की बात करता है। पानी दूध से भी महंगा हो गया है। आज हमने नदियों को खोया है। उदाहरण के तौर पर असि व वरुणा नदी है जो नाले में तब्दील हो गयी है।कार्यक्रम का संचालन ख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय नाथ मिश्र ने किया। इस अवसर पर गंगा में द्वीपदान कर गंगा निर्मलता का संकल्प लिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.