World Athletics Day सकारात्मक सोच रखें और आगे बढ़ें, जज्बा व जुनून ही खिलाड़ी को ले जाता आगे
सकारात्मक सोच ही आप को आगे ले जाता है। कभी यह न सोचे की आप पदक नहीं जीत सकते हैं। हमेशा यह सोचे की मैं यह कर सकता हूं। यह कहना है अर्जुन एवार्डी एथलीट गुलाब चंद का।
वाराणसी, जेएनएन। World Athletics Day सकारात्मक सोच ही आप को आगे ले जाता है। कभी यह न सोचे की आप पदक नहीं जीत सकते हैं। हमेशा यह सोचे की मैं यह कर सकता हूं। यह कहना है अर्जुन एवार्डी एथलीट गुलाब चंद का।
दैनिक जागरण वाराणसी के फेसबुक पेज लाइव पर गुरुवार को विश्व एथलेटिक्स दिवस पर उन्होंने अपने विचार रखते हुए युवा खिलाडिय़ों को टिप्स दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हर जगह परिवर्तन देखने को मिल रहा है। खेलों में भी नयी तकनीक और एक्सरसाइज का समावेश हुआ है। अभ्यास में किसी तरह की कोताही न करे। एक दिन अभ्यास छोडऩे का मतलब आप दो दिन पीछे हो गए।
वर्ष 1998 में बैंकाक में आयोजित 13वें एशियाई खेलों में 10 हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतने वाले गुलाब ने बताया कि कोरोना के कारण हम बाहर अभ्यास नहीं कर सकते हैं। लेकिन घर में छत पर या खुले स्थान पर कुछ न कुछ एक्सारसाइज अवश्य करना चाहिए। शरीर को इतना आराम नहीं देना चाहिए कि वह मैदान पर बेहतरीन प्रदर्शन न कर सके। खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मैदान पर इस समय पसीना नहीं बह रहा है इसलिए चावल से दूरी रखना चाहिए। रोटी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा पनीर, पालक और चुकंदर का सेवन करना चाहिए।
खिलाड़ी में हमेशा जोश, जज्बे और जुनून रहना चाहिए। यहीं तीनों चीज खिलाड़ी को पदक जीतने के लिए प्रेरित करते हैं। कोच से कोई बात पूछने में झिझकना नहीं चाहिए। साथ ही कोच पर विश्वास रखना चाहिए। पूर्वांचल में प्रतिभाशाली एथलीटों की कमी नहीं है। आज के समय में खेल में पैसा होने के साथ-साथ अच्छी नौकरी भी है।
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दर्जन पदक जीत चुके इस धावक का कहना है कि कभी यह मत सोचे की वह गांव से या छोटे शहर से आया है। हमेशा दिल और दिमाग में यह बात ध्यान में रखे कि वह विजेता बनने के लिए आया है। जब लक्ष्य निर्धारित हो जाता है तब चीजें आसान होने लगती है।