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World AIDS Day : वाराणसी में 11 साल में मिले 5074 एचआइवी पाजिटिव में 2400 रोगियों का चल रहा इलाज

एचआइवी को लेकर जागरूकता के प्रयासों के बाद इससे संक्रमित होने वालों की संख्या कम नहीं हो रही। इसमें थ्री ट्रिपिकल यानी नशे की सुई लेना टैटू बनवाना और असुरक्षित यौन संबंध से गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने के मामले अधिक आ रहे हैं।

By shivam singhEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Wed, 30 Nov 2022 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 09:51 PM (IST)
World AIDS Day : वाराणसी में 11 साल में मिले 5074 एचआइवी पाजिटिव में 2400 रोगियों का चल रहा इलाज
वाराणसी में 11 साल में मिले 5074 एचआइवी पाजिटिव

जागरण संवाददाता, वाराणसी : एचआइवी को लेकर जागरूकता के प्रयासों के बाद इससे संक्रमित होने वालों की संख्या कम नहीं हो रही। इसमें थ्री ट्रिपिकल यानी नशे की सुई लेना, टैटू बनवाना और असुरक्षित यौन संबंध से गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने के मामले अधिक आ रहे हैं। इसमें नशे की सुई से 40, टैटू से 10 तो 50 फीसद गर्भवती महिलाओं में असुरक्षित यौन संबंध के मामले है।

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पंडित दीनदयाल अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर की काउंसलर अर्चना ने बताया कि जिले में 2011 से अब तक 5074 संक्रमित आ चुके हैं। फिलहाल 2400 संक्रमितों का इलाज एआरटी (एंटीरिटरोवायरल थेरेपी) सेंटर में चल रहा है।

संक्रमित जच्चा, सुरक्षित बच्चा

उत्तर प्रदेश के आयना एचआईवी एड्स संस्था अब गर्भवती और उनके बच्चों को बचाने का काम कर रही है। वर्ष 2022 से अब तक कुल 50 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिली थी, जिसमें 20 महिलाओं ने समय से दवाओं का सेवन किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनके बच्चे एचआईवी संक्रमित होने से बच गए, वही दो महिलाओं के बच्चे एचआईवी संक्रमित मिले।

प्रसव पूर्व जांच करा एचआईवी से बच सकते बच्चे 

गर्भवती यदि पहली त्रिमाही में प्रसव पूर्व जांच में एचआईवी की जांच करा लें और समय से इलाज शुरू करा दें तो एचआईवी पीड़ित मां के गर्भस्थ शिशु को एचआईवी पीड़ित होने से बचाया जा सकता है। हर गर्भवती सभी जांचों के साथ एचआईवी की भी जांच जरूर कराएं। इसके लिए सभी सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क जांच मौजूद है।

एचआईवी के लक्षण

- हर वक्त थकान रहना

- गले के आसपास सूजन

- दस दिनों से ज्यादा बुखार

- रात में पसीना आना

- बेवजह वजन कम होना

- स्किन पर बैगनी रंग के दाग

- जल्दी जल्दी सांसें आना

एचआईवी से बचाव के उपाय

- जीवनसाथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध न रखें

- यौन संबंध बनाते समय कंडोम आदि का करें प्रयोग

- मादक औषधियों के आदी व्यक्तियों से द्वारा उपयोग में ली गई सीरिंज व सुई का प्रयोग न करें

- रक्त की आवश्यकता होने पर अंजान व्यक्ति का रक्त न लें। सुरक्षित रक्त के लिए एचआईवी जांच किया गया रक्त ही ग्रहण करें


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