निगमीकरण के खिलाफ डीरेका कर्मचारियों के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मी हुए लामबंद
निगमीकरण के खिलाफ गुरुवार को डीरेका कर्मचारियों के साथ जीवन बीमा निगम के कर्मी लामबंद नजर आए।
वाराणसी, जेएनएन। भारतीय जीवन बीमा निगम मंडल कार्यालय भेलूपुर के मुख्य द्वार पर वीडीआइए और डीरेका बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति, वाराणसी की एक संयुक्त सभा आयोजित की गई। गुरुवार को निगमीकरण के खिलाफ डीरेका कर्मचारियों के साथ जीवन बीमा निगम के कर्मी लामबंद नजर आए।
सभा की अध्यक्षता करते हुए वीडीआइए अध्यक्ष नारायण चटर्जी ने सरकारी संस्थाओं पर लगातार किए जा रहे हमलों की पुरजोर निंदा की। डीरेका बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक वीडी दुबे ने सरकार द्वारा जनता के सबसे लोकप्रिय और सुलभ परिवहन के साधन और राष्ट्र के सबसे बड़े उद्योग भारतीय रेल के निगमिकरण/निजीकरण के विरुद्ध आवाज उठाई और अंतिम दम तक लड़ने का एलान किया।
शाम को एक महत्वपूर्ण बैठक डीरेका कर्मचारी परिषद के कार्यालय में हुई जिसमें ऐपवा के प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि यदि सरकार डीरेका के निगमीकरण की तरफ बढ़ती है। इसका प्रभाव सरकारी महिला कर्मी व गृहणियों को उठानी पड़ेगी इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। और डीरेका कर्मियों के संघर्ष को ऐपवा का पूरा समर्थन देता है।
सभा में सदस्य कर्मचारी परिषद नवीन सिन्हा व डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के महामंत्री कृष्ण मोहन तिवारी ने कहा कि भारत सरकार अपने स्वदेशी के मुख्य मुद्दे से भटक कर 100 प्रतिशत एफडीआइ के माध्यम से पूरी की पूरी संपदा पूंजीपतियों को लुटाने को उतारू है। जिससे कि आम जनता प्रभावित हो रही है वह मुद्दे उनके प्राथमिकता से एकदम से गायब हो चुके हैं मजदूर संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा एवं अंतिम दम तक इस लड़ाई को लड़ा जाएगा। ओबीसी एसोसिएशन के महामंत्री हरिशंकर यादव ने कहा निगमीकरण के खिलाफ हो रहे दुष्परिणामों को लेकर गांव गांव में इस इसके दुष्परिणाम को बताया जा रहा है।और इस आंदोलन को ग्राम सभा के माध्यम से जन आंदोलन में तब्दील किया जाएगा जिसका आसपास के ग्रामीणों एवं क्षेत्र की जनता भरपूर सहयोग कर रही है उन्होंने ग्रामीण वासियों और क्षेत्रवासियों का आभार व्यक्त किया।
सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारी परिषद के सदस्य प्रदीप यादव ने कहा कि जिस तरह से सभी सरकारी संस्थाओं को निगमीकरण के रास्ते निजीकरण की तरफ धकेल रही है। उससे सबसे बडी हताशा आज के बेरोजगार युवकों को है क्योंकि जिस तरीके से भारत सरकार आज के श्रम कानूनों में परिवर्तन कर रही है ।उसके वजह से निजी कंपनियां सभी बेरोजगार और कामगारों का उत्पीड़न ज्यादा बढ़ जाएगा समस्त वक्ताओं ने रेल बचाओ देश बचाओ तथा सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण बंद करो के नारे के बीच कहा कि आज सवाल रेल या एलआइसी के कर्मियों के लिए नहीं बल्कि समस्त जनता एवं उन बेरोजगार नौजवानों की है जो सरकारी संस्थानों में सेवा देने के लिए सपना संजोकर विषम परिस्थितियों में भी दिन रात मेहनत कर रहे हैं। सभा की समाप्ति के समय धन्यवाद ज्ञापन देते हुए वीडीआइ के महामंत्री विनोद श्रीवास्तव डीएलडब्ल्यू को बनारस की पहचान बताते हुए अपने समर्थन की घोषणा की और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने का आश्वासन दिया। बैठक में रंजीता, ममता सिंह, एम भावना, पूनम, नेहा, राजकुमारी, सीता, नंदिता, हीना, विनीता, सुनीति,किरण, गायत्री, विमला, आदि महिला कर्मचारी उपस्थित रहीं।
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