Move to Jagran APP

वाराणसी के सिगरा इलाके में दीवार ढहने से मजदूर की मौत, निर्माणाधीन मकान की खोदाई के वक्‍त दो जख्मी

सिगरा-रथयात्रा मार्ग स्थित एक अर्ध निर्मित मकान की दीवार ढहने से मजदूर की मौत हो गई। जबकि दो अन्य मजदूर जख्मी हो गए। दुर्घटना के दौरान नीव की खोदाई का कार्य कर रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

By JagranEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Mon, 26 Sep 2022 08:11 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 08:11 PM (IST)
वाराणसी के सिगरा इलाके में दीवार ढहने से मजदूर की मौत, निर्माणाधीन मकान की खोदाई के वक्‍त दो जख्मी
हादसे के बाद सिगरा थाने पहुंचे मृतक के पिता सुरेंद पटेल

जागरण संवाददाता, वाराणसी: सिगरा - रथयात्रा मार्ग स्थित एक अर्ध निर्मित मकान की दीवार ढहने से मजदूर की मौत हो गई। जबकि दो अन्य मजदूर जख्मी हो गए। दुर्घटना के दौरान नीव की खोदाई का कार्य कर रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि घायलों को रविंद्रपुरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

loksabha election banner

दोनों घायलों को रविंद्रपुरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विजय कुमार नामक व्यक्ति के सिगरा - रथयात्रा मार्ग स्थित मकान में निर्माण कार्य चल रहा है। आधे हिस्से में पुराने कमरे को तोड़ने का कार्य चल रहा था, वहीं कुछ हिस्से में नीव की खोदाई चल रही थी। चोलापुर स्थित भोपापुर निवासी सूरज कुमार पटेल (19) पुत्र सुरेंद्र पटेल सहित पांच मजदूर नीचे काम कर रहे थे। इस दौरान दस फीट ऊंची और मोटी दीवार अचानक मजदूरों पर गिर पड़ी।

मौके पर ही सूरज की मौत हो गई, जबकि चोलापुर के भोलापुर निवासी नागेंद्र और भूसौला के छोटू जख्मी हो गए। दोनों घायलों को रविंद्रपुरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिगरा इन्स्पेक्टर राजू सिंह ने बताया कि स्वजनों से तहरीर मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

काम के पहले दिन ही घटना

सुरेंद्र पटेल के तीन पुत्र और पुत्री में सबसे बड़े सूरज का ही परिवार को आसरा था। पिता दो वर्ष पहले एक दुघर्टना में विकलांग हो गए थे। छोटा भाई सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करता है। पूर्व प्रधान मनीष कुमार पांडेय ने बताया कि सूरज के हाथों ही सारी जिम्मेदारी थी। सूरज के काम का पहला दिन था। और वह पहले ही दिन काल के गाल में समा गया। सुरेंद्र पटेल का परिवार आर्थिक रूप से काफ़ी पिछड़ा हुआ है। रहने की छत भी नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.