आजमगढ़ में मेडिकल काॅलेज में आक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू, 21 दिन में लक्ष्य पूरा करने की तैयारी
राजकीय मेडिकल कॉलेज में प्रस्तावित आक्सीजन प्लांट को जमीन पर उतरने की रफ्तार में दिख रहा है। 21 दिन में प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन की टाइमलाइन निर्धारित की गई तो कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड ने काम भी शुरू कर दिया।
आजमगढ़, जेएनएन। सरकार की सख्ती का असर राजकीय मेडिकल कॉलेज में प्रस्तावित आक्सीजन प्लांट को जमीन पर उतरने की रफ्तार में दिख रहा है। 21 दिन में प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन की टाइमलाइन निर्धारित की गई तो कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड ने काम भी शुरू कर दिया। राजकीय मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार भी मिनट-टू-मिनट की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। लाजिमी भी कि ऑक्सीजन की दुश्वारियों से मरीजों की जान जहां अटक जा रही तो वहीं जिम्मेदारों को भी उन्हें बचाने की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन का प्लांट अस्तित्व में आते ही लोगों को उसका लाभ मिलने लगेगा।
राजकीय मेडिकल कालेज एवं सुपर फैसिलिटी हॉस्पिटल में कार्यदायी संस्था ने काम शुरू किया तो लोग खुश भी नजर आए। हालांकि, नई व्यवस्था का लाभ 21 दिन बाद ही किसी को मिलना है, लेकिन उसके बावजूद लोग यह सोच रहे हैं कि संस्थान ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा तो किसी को तो उसका लाभ मिलेगा। जिसके स्वजन की जान बचेगी वह तो खुश होगा ही। दरअसल, इन दिनों कोरोना काल में आॅक्सीजन की राजकीय मेडिकल काॅलेज में जबरदस्त मांग है। ऑक्सीजन प्लांट 800 वर्ग स्क्वायर फीट भूमि पर बनाया जा रहा है। इसका लाभ आजमगढ़-गोरखपुर के बीच के कई जिलों से लोगों को मिलेगा। चूंकि मेडिकल कॉलेज की अपनी जरूरतें आठ से नौ सौ सिलिंडर की है, इसलिए यहां प्लांट लगाना ही एक विकल्प था। इससे आने वाले दिनों में काफी सुविधा होगी।
98 लाख रुपये जारी हुए
प्राचार्य आरपी शर्मा ने कहा कि 98 लाख रुपये जारी हुए हैं। सरकार ने कुल बजट भी मंजूर दिया है, ऐसे में अब कोई अवरोध दिख नहीं रहा है। हम मरीजों को बेहतर सेवाएं देने को कटिबद्ध हैं।
आंकड़ों के आइने में आजमगढ़ का मेडिकल कॉलेज
1-106 एकड़ में फैला है कैंपस।
2-वर्ष 2006 में अस्तित्व में आया मेडिकल कालेज।
3-2000 तक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं।