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महिलाओं को खान-पान और रहन-सहन पर देना होगा विशेष रूप से ध्यान, दिनचर्या में परिवर्तन से बढ़ी समस्या

तनाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित करता है। इस कारण अक्सर खान-पान और रहन-सहन में दिक्कत होने लगती है। ज्यादा स्ट्रेस लेती है तो इससे शरीर में इसको बैलेंस करने वाले हार्मोंस बढ़ जाते हैं और रिप्रोडक्टिव हार्मोंस डिस्टर्ब हो जाते हैं।

By shivam singhEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Wed, 30 Nov 2022 08:02 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 08:02 PM (IST)
महिलाओं को खान-पान और रहन-सहन पर देना होगा विशेष रूप से ध्यान, दिनचर्या में परिवर्तन से बढ़ी समस्या
प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सारिका राय ने पाठकों के सवालों का जवाब देकर संतुष्ट किया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : आधुनिक युग में बदलती दिनचर्या महिलाओं में अनियमित पीरियड्स का कारण बन रही हैं। किसी की 28 से 30 दिन तो किसी की 35 दिन पर माहवारी आ रही है। वहीं कुछ को पहले तो कुछ को दस दिन के बाद ही समस्या आ रही है। ऐसे ही सवालों का जवाब देकर दुर्गाकुंड सीएचसी की प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सारिका राय ने पाठकों के सवालों का जवाब देकर संतुष्ट किया।

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तनाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित करता है। इस कारण अक्सर खान-पान और रहन-सहन में दिक्कत होने लगती है। जिसका असर पीरियड्स पर भी आ रहा है। दरअसल, जब आप ज्यादा स्ट्रेस लेती है तो इससे शरीर में इसको बैलेंस करने वाले हार्मोंस बढ़ जाते हैं और रिप्रोडक्टिव हार्मोंस डिस्टर्ब हो जाते हैं।

- अधिक वजन या वजन बेहद कम होना मोटापा और दुबलापन, दोनों ही चीजें शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। मोटापे की वजह से भी मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। इसके अलावा शरीर का वजन कम होने की वजह से भी अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है।

- अल्ट्रसाउंड और दवा सभी तरह की सुविधाएं स्वास्थ्य केंद्रों पर प्री में दी जाती है। किसी भी मरीज को परेशानी नहीं हो रही है।

- मिलेटोनिन हार्मोंस रात में ही सक्रिय होता है। रात और दिन में सोने की क्रिया में बदलवा करने के कारण ऐसा होता है। जिससे अंडा नहीं बन पाता है। इससे माहवारी में दिक्कत आती है।

- निसंतानता होना पत्नी-पति में 30 प्रतिशत दोनों दिक्कत का करण हो सकता है। ऐसे में दोनों लोगों को साथ में जांच कराने की आवश्यकता है।

- 12 वर्षीय बेटी को प्रथम बार पीरियड्स होने पर लगातार 15 दिन तक दर्द हो रहा है। गंभीर समस्या है।

इसके लिए विशेषज्ञ डाक्टर से मिलकर इलाज कराएं

लिकोरिया की शिकायत

कमर पेड़ू में और सफेद पानी की समस्या होने का प्रमुख कारण इनफेक्शन के कारण होता है। ऐसे में समय से जांच और उपचार कराकर स्वस्थ हो सकती हैं।

मेनोपाज : जब महिलाओं की उम्र 40-45 साल के जास-पास होती है तो उनमें कई हार्मोनल बदलाव होते है। ऐसे में कभी-कभी पीरियड्स आना भी बंद हो जाता है।

बर्थ कंट्रोल पिल्स  : गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल या फिर अन्य दवाओं के इस्तेमाल से भी मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। ऐसे में पीरियड्स कम आते है या जल्दी-जल्दी भी आने लगते हैं। ब्रेस्टफीडिंग भी अनियमित पीरियड्स की वजह बन सकती है।

कई महिलाओं को तब तक पीरियड्स नहीं होते हैं, जब तक वो अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद नहीं कर देती हैं। थायराइड की किसी भी तरह की समस्या होने पर भी आपकी माहवारी पर बुरा असर पड़ता है।

हेलो डाक्टर में इन्होंने पूछा प्रश्न

निशा गोस्वामी (शिवपुरवा), अंशुमान मालवीय (महमूरगंज), सीमा (सिगरा), सरिता (रोहनिया), आराधना (आशापुर) ने प्रश्न पूछा है।


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