वाराणसी से श्रृंगार गौरी का चढ़ावा महिलाओं ने सीएम योगी और पीएम मोदी को भेजा, जानिए क्या है मामला Varanasi news
मंडुआडीह क्षेत्र के पहाड़ी गांव के रामजानकी मंदिर में माता श्रृंगार गौरी के नित्य दर्शन पूजन को लेकर आंदोलन के जरिये लोग मुखर हो रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। मंडुआडीह क्षेत्र के पहाड़ी गांव के रामजानकी मंदिर में माता श्रृंगार गौरी के नित्य दर्शन पूजन को लेकर आंदोलन के जरिये लोग मुखर हो रहे हैं। वहीं माता के नित्य दर्शन को लेकर आम जन भी मांग करने लगे हैं। सौभाग्यवती होने के लिए तीज का व्रत करने वाली महिलाओं ने मां को चढ़ावे में श्रृंगार की सामग्रियां न चढ़ा पाने की वजह से विरोध जताने का नया तरीका अपनाया है। महिलाओं का मानना है कि मां श्रृंगार गौरी को चढ़ावा चढ़ाने का बस यही एक माध्यम बचा था।
व्रती महिला प्रिया ने बताया कि तीज और करवाचौथ को हम हिंदू सुहागिनें इसलिए व्रत रखती हैं ताकि हमें अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त हो। अखंड सौभाग्य का वरदान हमे 365 दिन मिल सकता है इसके लिए कठिन व्रत की आवश्यकता नहीं है। अगर कोई भी सुहागिन माता श्रृंगार गौरी को श्रृंगार का सामान चढ़ावे के रूप में चढ़ाए तो उसे बिना कठिन व्रत किये ही अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होने की मान्यता है। वाराणसी में 1993 से मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन पर रोक लगा दी गयी है। जबकि पौराणिक मान्यता यह है कि जबतक मां श्रृंगार गौरी का दर्शन नहीं करते बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन का फल प्राप्त नहीं होता है।
नरेंद्र मोदी व योगी को श्रृंगार सामग्री भेंट कर जताया रोष
व्रती महिला मोनी सिंह ने कहा कि हम सुहागिन महिलाएं प्रतिदिन मां श्रृंगार गौरी को श्रृंगार की सामग्री भेंट कर अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त करना चाहती हैं। आज भी हरितालिका तीज व्रत के अवसर पर हम मां श्रृंगार गौरी को सुहाग की सामग्रियां अर्पित कर अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त करना चाहती थीं। किंतु सरकारी पाबंदियों की वजह से ऐसा संभव नही है। इसलिए हम सुहागिन महिलाएं ये सारा श्रृंगार का सामग्री वाराणसी के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व यूपी के सीएम योगी जी को अर्पित कर ये बताना चाहती हैं कि हमारी ये श्रृंगार की सामग्रियां मां श्रृंगार गौरी को स्वयं अर्पित कर दें।