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Women Empowerment: मीरजापुर में महिलाओं संग प्रवासियों को स्वावलंबी बनाएगा ग्रामोद्योग, सूत कटाई, सिलाई-बुनाई का मिलेगा प्रशिक्षण

मीरजापुर में विंध्य के धरा की महिलाएं खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण लेकर सशक्त व आत्म निर्भर बन सकेगी। खादी ग्रामोद्योग विभाग प्रशिक्षण देकर उन्‍हें स्वावलंबी बनाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 02:55 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 03:00 PM (IST)
Women Empowerment: मीरजापुर में महिलाओं संग प्रवासियों को स्वावलंबी बनाएगा ग्रामोद्योग, सूत कटाई, सिलाई-बुनाई का मिलेगा प्रशिक्षण
Women Empowerment: मीरजापुर में महिलाओं संग प्रवासियों को स्वावलंबी बनाएगा ग्रामोद्योग, सूत कटाई, सिलाई-बुनाई का मिलेगा प्रशिक्षण

मीरजापुर, जेएनएन। Women Empowerment: वह समय दूर नहीं जब विंध्य के धरा की महिलाएं खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण लेकर सशक्त व आत्म निर्भर बन सकेगी। खादी ग्रामोद्योग विभाग प्रवासी सहित महिलाओं को कताई के साथ ही सिलाई-बुनाई आदि का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाएगा। एक बैच में 25-25 महिलाओं को आठ शिफ्ट में सूत कटाई, सिलाई-बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित महिलाओं को गांधी आश्रम से जोड़ा जाएगा, जिससे उनको अनवरत रोजगार मिलता रहे।

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कंबल कारखाना खुलने से पहले चरण में ही 200 लोगों को रोजगार मिलने की उम्‍मीद

जनपद के पथरहिया में प्रसिद्ध कंबल कारखाना शुरू होने से जहां लोगों को बेहतरीन व गुणवत्तायुक्त कंबल मिलेगा। वहीं अब कंबल बुनाई के साथ ही परिसर में ही प्रस्तावित ट्रेनिंग सेंटर में महिलाओं और प्रवासियों को प्रशिक्षण देने की भी योजना बन रही है। कंबल कारखाना खुलने के बाद से पहले चरण में ही 200 से 250 लोगों को रोजगार मिलने की आशा है। साथ ही जैसे-जैसे कंबल की डिमांड बढ़ेगी, वैसे-वैसे लगभग 500 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसमें से 100 स्थानीय और 100 प्रवासी लोगों को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन व अॅनलाक के चलते उपजे माहौल में गैर प्रांतों से आने वाले लोगों को रोजगार देने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

कंबल की बुनाई 10 लूमों पर हुई शुरू

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जवाहर लाल ने बताया कि कंबल कारखाना में कंबल की बुनाई 10 लूमों पर शुरू हो गई है। कंबल बुनाई के साथ ही महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए कताई बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं व प्रवासी काम करके आत्मनिर्भर बन सकेंगी। महिलाएं एक दिन में एक किलो तक सूत काट सकती हैं। एक किलो सूत काटने पर महिलाओं को 200-250 रुपये आमदनी होगी।


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