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बिना फायर एनओसी के बिल्डिंग पर बने मोबाइल टावर दे रहे बड़ी घटना का संकेत

वाराणसी शहर का हाल देखा जाए तो यहां भी लगभग सौ की संख्या में ऐसी ही बिल्डिंग हैं जिनपर मोबाइल टावर लगे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 10:46 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 09:15 AM (IST)
बिना फायर एनओसी के बिल्डिंग पर बने मोबाइल टावर दे रहे बड़ी घटना का संकेत
बिना फायर एनओसी के बिल्डिंग पर बने मोबाइल टावर दे रहे बड़ी घटना का संकेत

वाराणसी [हरि नारायण तिवारी]। भदोही जिले के गोपीगंज में एक बिल्डिंग की छत पर लगे मोबाइल टावर में मंगलवार को शार्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। वर्तमान में वाराणसी शहर का हाल देखा जाए तो यहां भी लगभग सौ की संख्या में ऐसी ही बिल्डिंग हैं जिनपर मोबाइल टावर लगे हैं। ऐसी बिल्डिंग कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती हैं। वहीं सैकड़ों बिल्डिंगों में अग्निशमन यंत्र की उचित व्यवस्था नहीं है। सोमवार की सुबह भेलूपुर क्षेत्र के भदैनी मोहल्ला स्थित एक होटल में गैस सिलेंडर फट गया था जिसमें एक राहगीर घायल हो गया था। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम को अग्निशमन यंत्र एक्सपायर मिले थे। इसके बाद होटल मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

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मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि हाइकोर्ट का आदेश है कि कोई भी भवन का नक्शा तब तक न स्वीकृत हो जब तक फायर की एनओसी न मिले लेकिन बिना फायर एनओसी के ही वीडीए की मिलीभगत से बिल्डिंग बनकर तैयार हो रही हैं। कई बिल्डिंग पहले दो मंजिल की फायर एनओसी ले लेती हैं लेकिन कुछ समय बाद उसे पांच मंजिल बना देती हैं। उन्होंने बताया कि शहर में चार सौ के आसपास ऐसी बिल्डिंग चल रही हैं। पांच मंजिला बिल्डिंग को एनओसी देते समय फायर विभाग यह देखता है कि बिल्डिंग के चारों तरफ तीन मीटर की जगह हो लेकिन शहर के सकरी गलियों में ऐसी ही कई बिल्डिंग हैं जो बिना एनओसी के चल रही हैं।

मोबाइल टावर लगे हैं तो सुरक्षा के उपाय भी करें : मुख्य अग्निशमन अधिकारी के अनुसार मोबाइल टावर लगे हैं तो टावर लगाने वाली कंपनी को सुरक्षा व्यवस्था तय करनी होगी। टावर के पास सुरक्षा के लिए जाल लगाना चाहिए जबकि शहर में किसी टावर पर लगा नहीं है। टावर में लगे जनरेटर के पास अग्निशमन यंत्र होना चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था आजकल मोबाइल कंपनी और मकान मालिक ही तय कर ले रहे हैं। अगर कोई घटना घटती है तो सबसे पहले फायर विभाग को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर पूरा खेल चल रहा है। शहर के बीच लगे मोबाइल टावर के रेडिएशन का लोग शिकार हो रहे हैं। 

विद्युत शार्ट सर्किट से बचने के नहीं उपाय : विगत दिनों कई मॉल या बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद कुछ संचालकों ने ही फायर एनओसी ली। अधिकांश अभी भी बिना फायर एनओसी के हैं। फायर एनओसी के बिना ही वीडीए बिल्डिंगों का नक्शा पास कर दे रहा है। 

आग लगी तो कैसे बचकर निकलें : यदि आग लग जाए तो सबसे पहले खिड़की दरवाजे खोल दें। इससे धुंआ बाहर निकल जाएगा और दम घुटने की शिकायत नहीं होगी। धुएं का प्रवाह हमेशा जमीन की सतह से ऊपर होता है, ऐसे में खड़े होकर निकलने से अच्छा होगा कि लेटकर बाहर निकलें। अगर कपड़े में आग लग गई तो भागे नहीं क्योंकि भागने से आग की लपटें बढ़ जाएंगी। आग से हटकर जमीन पर लेट जाएं जिससे आग बुझ जाएगी। 

जनसंख्या बाहुल्य मोहल्ले में समस्या : मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि जनसंख्या बाहुल्य या संकरी गलियों में आग बुझाने के लिए 10 फायर बाइक हैं। सकरी गलियों में पहुंचने पर तमाशबीन भीड़ सबसे बड़ी समस्या है। आग लगने के बाद भी सकरी गलियों में वाहनों का आवागमन लगा रहता है। ऐसी परिस्थिति में स्थानीय लोगों को जागरूक होना चाहिए। 

बोले अधिकारी : वीडीए से लोग आवासीय नक्शा पास कराते हैं। आवासीय मकान पर मोबाइल टावर लगाना गलत है। अवैध तरीके से मकानों पर मोबाइल टावर लगाने वालों को चिंह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -परमानंद यादव, संयुक्त सचिव, वीडीए।


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