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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ने खुद को बताया शिव भक्त, गंगा आरती में भी हुईं शामिल

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल नाथ ने बुधवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अपनी धार्मिक यात्रा की जानकारी दी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 08:18 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 09:00 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ने खुद को बताया शिव भक्त, गंगा आरती में भी हुईं शामिल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ने खुद को बताया शिव भक्त, गंगा आरती में भी हुईं शामिल

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। रामेश्वरम, सोमनाथ, केदारनाथ, बैजनाथ धाम हो या बद्रीनाथ धाम। भगवान शिव से जुड़े सभी जगहों का दर्शन कर चुकी हूं। मगर अभी तक बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी आने का सौभाग्य नहीं मिला था। बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त हूं, इसलिए यहां उनके दर्शन करने आई हूं। यह बातें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल नाथ ने बुधवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कही। बताया गुरुवार को बाबा विश्वनाथ व बाबा कालभैरव के दर्शन करूंगी। बेटे जाहिर अब्दुल्ला व जामिर की छुट्टियां चल रहीं है। उनके कुछ दोस्तों ने भी बनारस आने और यहां की आध्यात्मिकता को महसूस करने की इच्छा जाहिर की थी। इसलिए सभी को साथ लेकर आई हूं।

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काशी में अगले पांच-छह दिन रहने का विचार है। उमर अब्दुल्ला का परिवार बुधवार की सुबह लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा था। एयरपोर्ट से निकलने के बाद सभी नदेसर स्थित होटल ताज पहुंचे। दोपहर में यहां आराम करने के बाद शाम को पूरा परिवार राजघाट के लिए रवाना हुआ। काफिला लगभग पौने छह बजे भैंसासुर घाट पहुंचा। घाट की खूबसूरती और बनारसी जीवनशैली को मंत्रमुग्ध देखते हुए परिवार पैदल ही रानी घाट पहुंचा। यहां एक सामान्य बोट लेकर वे नौका विहार पर निकले। घाटों की अद्भुत छटा को स्मृति पटल पर सहेजते हुए पायल दशाश्वमेध घाट पहुंची। मां गंगा और बाबा विश्वनाथ की नगरी का रंग-ढंग देख हैरान हुईं। बच्चों के साथ वे दैनिक गंगा आरती में भी शामिल हुईं। 

मां पार्वती के मंदिर की तलाश : जागरण से बातचीत के दौरान पायल ने पौराणिक घटना का जिक्र भी किया। बताया ब्रह्मा जी के वरदान के कारण भगवान शिव को काशी छोड़कर कैलाश पर्वत जाना पड़ा था। इस वजह से बिना पलक झपकाए मां पार्वती कैलाश पर्वत को निहारती रह गईं थीं। पायल बताती हैं कि काशी प्रवास के दौरान मां पार्वती के इस मंदिर की भी तलाश है। यदि जानकारी मिली तो जाहिर व जामिर के साथ दर्शन करने जरूर जाऊंगी। 

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