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जानिए कौन जीता... रेस के मैदान में 'एमू' ने ठोंकी ताल, वन विभाग ने लगाई दौड़

सुबह नौ बजे सिगरा स्टेडियम के स्वीमिंग पूल के पास बच्चों व खिलाडिय़ों के बीच हलचल मच गई, खेल मैदान में आस्ट्रेलियन पक्षी एमू को देखकर खिलाड़ी भी भौंचक रह गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 03:55 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 04:00 PM (IST)
जानिए कौन जीता... रेस के मैदान में 'एमू' ने ठोंकी ताल, वन विभाग ने लगाई दौड़
जानिए कौन जीता... रेस के मैदान में 'एमू' ने ठोंकी ताल, वन विभाग ने लगाई दौड़

वाराणसी । शुक्रवार सुबह नौ बजे सिगरा स्टेडियम के स्वीमिंग पूल के पास बच्चों व खिलाडिय़ों के बीच हलचल मच गई। इतना ही नहीं कूद फांद कर रहे बंदरों के खेल में भी डाका पड़ गया और देखते ही देखते बंदरों की भी शामत आ गई। जी हां, ये आफत और हलचल मचाई आस्‍ट्रेलियाई 'एमू' पक्षी ने। अचानक सिगरा खेल मैदान में आस्ट्रेलियन पक्षी एमू को देखकर खिलाड़ी भी भौंचक रह गए।

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मच गया हड़कंप

एमू स्विमिंग पूल पर बच्चों को बड़े ध्यान से निहार रहा था फिर अचानक उसकी नजर स्टेडियम के बंदरों पर पड़ी। न जाने एमू को क्या सूझा वह बेधड़क बंदरों के पीछे लपक लिया। एक एक कर सभी बंदरों को दौड़ाना शुरू किया। वहीं एमू के दौड़ने की रफ्तार काफी तेज थी जिससे बंदर भी हांफते नजर आए। लंबी चोंच, भूरा रंग और शरीर पर घने बाल, लगभग पांच फुट लंबा और पतली लंबी गर्दन वाला एमू स्टेडियम में चारों ओर बस दौड़ रहा था। उसे देख खिलाडिय़ों में भी कौतूहल हो गया। 

एमू आगे-आगे वन विभाग पीछे-पीछे

एमू को देखकर हर कोई यही सोच रहा था कि भई ये तो शुतुर्गमुर्ग लग रहा है लेकिन काशी में कहां से आ गया। इसके बाद स्टेडियम के लोगों ने वन विभाग को फोन किया। वहां डीएफओ अपनी टीम के साथ आए । इस दौरान एमू आगे-आगे और वन विभाग उसके पीछे-पीछे लगा रहा। मगर एमू की रफ्तार के आगे हर किसी के पसीने छूटने लगे। आखिरकार वन विभाग ने लगाई जुगत और दौड़ में एमू को परास्‍त कर मैदान मार लिया और उसे कैद कर लिया। इसके बाद एमू को सारनाथ पक्षी विहार में भेज दिया गया। खास बात यह कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि एमू कहां से आया।

दौड़ के मैदान में नया प्रतियोगी

दरअसल इस वक्त सिगरा स्टेडियम में काशी विद्यापीठ इंटर यूनिवर्सिटी टीम का ट्रायल चल रहा हैै। ऐसे में एमू को देखकर वे बच्चे भी भाग खड़े हुए। कुल मिलाकर सुबह नौ बजे से लेकर एक घंटे तक स्टेडियम में मानों हर किसी के पैर में एमू के कारण पहिए लग गए थे। वहीं डॉयल 100 भी यह पता नहीं लगा पाई कि आखिर एमू का काशी में कहां था ठिकाना। स्‍थानीय लोग बताते हैं कि पास ही मौजूद एक दरगाह में किसी की मन्‍नत पूरी होने पर कोई जोडे़ को छोड़ गया था जिसमें एक मर चुका है जबकि दूसरा आसपास ही भटकता रहता है।

एमू का परिचय

एमू आस्ट्रेलिया मूल का विशालकाय पक्षी है, विश्‍व में एमू शुतुरमुर्ग के बाद दूसरा सबसे बड़ा न उड़ने वाला पक्षी माना जाता है। इसकी ऊँचाई लगभग दो मीटर तक होती है। शुतुरमुर्ग की ही तरह एमू भी पंख होते हुए उड़ान नहीं भर सकता है। एमू काफी वजनी और फुर्तीला होता है जिसकी वजह से दौड़ लगाने के दौरान पकड़ना काफी मुश्किल होता है। एमू में नर तथा मादा दोनों के ही गले के पास एक विचित्र आकृति होती है, जिसके जरिए यह विचित्र आवाज निकालता है। शरीर के लिहाज से एमू की टांगे काफी मजबूूत होती हैं जिससे यह लगभग पचास किमी की गति से सरपट भाग सकता है। एमू की पैरों से अगर हमला हुआ तो शुतुरमुर्ग या दूसरे भारी भरकम पक्षी कैसोवरी के समान ही खतरनाक होती है।


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