वाराणसी से जिलों को जोडऩे वाले राष्ट्रीय व राज्य मार्ग पर बेतरतीब निर्माण से थम रहे वाहनों के पहिए, सुरक्षा भी लचर
बीते छह वर्षों की बात करें तो वाराणसी से इलाहाबाद जाने वाला हाइवे सिक्सलेन बन रहा तो गाजीपुर आजमगढ़ जौनपुर की रोड फोरलेन।
वाराणसी, जेएनएन। चंदौली, गाजीपुर, मऊ, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़, मीरजापुर और सोनभद्र आदि जिलों की बात करें तो इनके लिए वाराणसी आर्थिक नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के बाजारों से इन जिलों के व्यापारी जुड़े हैं जो करोड़ों का कारोबार प्रतिदिन करते हैं। ऐसे में इन बाजारों के कारोबार सूचकांक को ऊंचाई देने में बेहतर सड़कों की महत्ता बढ़ जाती है, लेकिन बीते छह वर्षों की बात करें तो वाराणसी से इलाहाबाद जाने वाला हाइवे सिक्सलेन बन रहा तो गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर की रोड फोरलेन। योजनाबद्ध की जगह निर्माण बेतरतीब ढंग से किया जा रहा है। एक से दूसरे छोर तक लगातार सड़क निर्माण नहीं हो रहा है। कहीं निर्माण हो चुका है तो कहीं पूर्व की भांति छोड़ दिया गया है। कहीं पर निर्माण जारी है तो वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं होने से उसके बीच से वाहन गुजर रहे हैं। निर्माण में सुरक्षा का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा।
वाराणसी-इलाहाबाद मार्ग
रामनगर से कछवां रोड तक निर्माण होने से कई स्थानों पर वाहन एक लेन से ही गुजर रहे हैं। सर्विस रोड भी दुरुस्त नहीं होने से परेशानी हो रही। सर्वाधिक दिक्कत कछवांरोड बाजार में है। ऐसे ही राजातालाब में फ्लाईओवर निर्माण होने से परेशानी है।
वाराणसी-गाजीपुर मार्ग
आशापुर चौराहे से चंद्रावती तक सफर पूरा करने में घंटों लग रहा है। फोरलेन बीच-बीच में बन गया है लेकिन कुछ स्थानों पर अभी निर्माण जारी है। इससे वाहन सवारों को परेशानी हो रही है। कार्य की गति हाईस्पीड में है लेकिन राहत निर्माण कार्य पूर्ण होने पर ही मिलेगी।
वाराणसी-आजमगढ़ मार्ग
महान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद के गांव लमही को पार करते ही वाहन चालकों की दुश्वारियां शुरू हो जाती हैं। धीमी गति से फोरलेन निर्माण कार्य चल रहा है। चोलापुर बाईपास को लेकर किसानों व प्रशासन के बीच जिच चल रही है जो निर्माण कार्य की गति को प्रभावित कर रही है।
वाराणसी-जौनपुर मार्ग
लखनऊ जाने के लिए यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है। इसने वाराणसी शहर से लेकर बाबतपुर तक मॉडल रूप ले लिया है, मगर एयरपोर्ट परिसर पार करते ही दुश्वारियों से सामना होता है। जौनपुर शहरी सीमा तक ये स्थिति हादसे को भी न्योता दे रही है।
सड़क सुरक्षा के करने हैं ये उपाय
आबादी-चौराहे पर रिपीटेड वार मार्किंग, एज, जेब्रा व स्टॉप लाइन, बिटुमिनस स्पीड टेबल, ग्रामीण सड़कें मिलने के स्थान पर इंटर सेक्शन बिटुमिनस हंप व स्टॉप साइन बोर्ड, ब्लैक स्पाट पर रेलिंग कार्य, स्कूल व अस्पताल पर कॉशन बोर्ड, मोड़ पर सेवरन शाइन बोर्ड, पुलों पर क्रेस बैरियर, ट्री प्लेट कार्य व पुल पर रेलिंग कार्य, पुलियों की पैरापिट के समीप हेजार्ड साइन बोर्ड आदि।