गौना लेने गणों संग पहुंचे काशी पुराधिपति, सिंहासन पर गौरा संग गोदी में विराजे प्रथमेश
बाबा दरबार में रंगभरी एकादशी के अवसर पर पालकी यात्रा से पहले मंहत आवास गुलजार हो गया गहमागहमी में बारातियों के स्वागत के लिये तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था।
वाराणसी, जेएनएन। बाबा दरबार में रंगभरी एकादशी के अवसर पर पालकी यात्रा से पहले मंहत आवास गुलजार हो गया गहमागहमी में बारातियों के स्वागत के लिये तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। गौना के समय माता पार्वती के साथ भेजे जाने वाले सामानों को तैयार किया गया।
परंपरानुसार शुक्रवार को बाबा विश्वनाथ के गौरा को विदाई कराने के लिये ससुराल पहुंचने की रस्म निभाई गई। सायंकाल गौधूलि बेला में महंत आवास में बने ससुराल में गौरा का गौना लेने के लिये बाबा विश्वनाथ के आगमन की रस्म निभायी गई। इस दौरान बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती की गोदी में प्रथम पूज्य प्रथमेश की रजत प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान कराकर पूजन आरती कर भोग लगाया गया और महिलाओं ने अंखड सुहाग की कामनाओं के साथ मंगलगीत गाया।
रविवार रंगभरी एकादशी पर प्रतिमाओं का विशेष अनुष्ठान ब्रह्ममुहुर्त में-
प्रात: 3:30 से 4:3; तक स्नान व पूजन
प्रात: 4:30 से 6:00 तक 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा अभिषेक
प्रात: 6:30से 8:30 तक मातृका पुजन मुहूर्तनुसार
प्रात: 8:30 पर विशेष राजसी श्रृंगार प्रारम्भ
प्रात: 11:00 बजे भोग आरती के बाद
11:30 बजे पालकी पर प्रतिमाओं को विराजमान कराये जाने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिये महंत आवास में पालकी दर्शन प्रारंभ होगा। दोपहर 12 बजे विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती के बाद महंत आवास में संजीव रत्न मिश्र के संयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम “शिवांजली” का आयोजन होगा जिसमें काशी, मथुरा व अवध के कलाकारों द्वारा होली गीत व नृत्य नाटिका में भस्म की होली खेली जाएगी। सायंकाल 5 बजे रजत पालकी में माता गौरा और प्रथमेश सहित पालकी यात्रा निकाली जाएगी जो महंत आवास से मंदिर तक जायगी जहां गर्भगृह में प्रतिमाओं को स्थापित कर विशेष सप्तर्षि आरती की जाएगी।