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फ्लैट रेट मामले में वार्ता के लिए 27 नवंबर को लखनऊ बुलाए गए बुनकर प्रतिनिधि

पावरलूम बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली उपलब्ध कराने का मसौदा लगभग तैयार है। प्रदेश सरकार की ओर से 27 नवंबर को इस पर वार्ता के लिए बुनकर प्रतिनिधियों को लखनऊ बुलाया गया है। बनारस के अलावा मऊ मेरठ अंबेडकर नगर से भी प्रतिनिधियों को बुलावा भेजा गया है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:10 AM (IST)
फ्लैट रेट मामले में वार्ता के लिए 27 नवंबर को लखनऊ बुलाए गए बुनकर प्रतिनिधि
प्रदेश सरकार की ओर से 27 नवंबर को इस पर वार्ता के लिए बुनकर प्रतिनिधियों को लखनऊ बुलाया गया है

वाराणसी, जेएनएन। पावरलूम बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली उपलब्ध कराने का मसौदा लगभग तैयार है। प्रदेश सरकार की ओर से 27 नवंबर को इस पर वार्ता के लिए बुनकर प्रतिनिधियों को लखनऊ बुलाया गया है। उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी पत्र के मुताबिक बनारस से एमएलसी अशोक धवन को भी पांच बुनकर प्रतिनिधियों संग आमंत्रित किया गया है।

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बनारस के अलावा मऊ, मेरठ, अंबेडकर नगर से भी प्रतिनिधियों को बुलावा भेजा गया है। ज्ञात हो कि विगत 17 नवंबर को लखनऊ में आयोजित बैठक में सरकार ने न केवल बुनकरों के प्रस्तावों पर सहमति जताई थी, बल्कि उचित मूल्य वृद्धि के साथ नई दर व नई योजना बनाने का भरोसा भी दिलाया था। नई योजना के रिव्यू व उस पर बुनकरों के विचार जानने के लिए शुक्रवार को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो इसी माह के अंत तक बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली की सुविधा फिर से बहाल हो सकती है।

वर्ष 2006 से लागू थी व्यवस्था

किसानों की तर्ज पर वर्ष 2006 से बुनकरों के लिए फ्लैट रेट पर बिजली की व्यवस्था की गई थी। इसमें बुनकरों को प्रति पावरलूम हर महीने 72 रुपये अदा करने होते थे। सितंबर में अपर मुख्य सचिव संग बुनकर प्रतिनिधिमंडल की बैठक में यह बातें तय हुई थी कि 2006 से अब तक जितनी मूल्य वृद्धि किसानों की बिजली में की गई, उतना बुनकरों में भी की जाए। इस पर सहमति बनी कि बुनकर जुलाई तक की बिल पुराने फ्लैट रेट के हिसाब से ही जमा होंगे। उसके बाद सरकार बुनकर प्रतिनिधियों से बातचीत कर पहले से भी बेहतर व्यवस्था बनाएगी। मगर एक महीना बीतने के बाद भी जब बुनकरों के बिल जमा होने शुरू नहीं हुए और एक-एक कर उनके कनेक्शन काटे जाने लगे तो रोजी-रोटी पर संकट आता देख बुनकर एक बार फिर आंदोलित हो उठे। विगत 17 नवंबर को लखनऊ में आयोजित बैठक में सरकार ने बुनकरों के अधिकांश प्रस्तावों पर सहमति जताई थी। इसी के क्रम में शुक्रवार को लखनऊ में बैठक आयोजित है।


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