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मौसम : आसमान से बरसी आंच, धरती पर लू का अहसास

वाराणसी सहित पूर्वाचल में गुरुवार का दिन एक बार फिर से भीषण गर्मी और तपिश के साथ बीता।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 06:43 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 06:43 PM (IST)
मौसम : आसमान से बरसी आंच, धरती पर लू का अहसास
मौसम : आसमान से बरसी आंच, धरती पर लू का अहसास

वाराणसी : पूर्वाचल में गुरुवार का दिन एक बार फिर से भीषण गर्मी और तपिश के साथ बीता। सुबह से ही उमस और पसीने के साथ गर्मी का दायरा बढ़ा तो दिन चढ़ने के साथ तक जारी रहा। सुबह से ही दूर दूर तक बादलों का कोई अता पता नहीं था। पंखे के बीच भी माथे से पसीना टपकता रहा। पूर्वाचल के कई जिलों में पारा 43 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। पारा बढ़ने से दिन में चलने वाली हवाएं भी लू के थपेड़ों सरीखा अहसास कराती रहीं। दोपहर होते ही सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा लोगों की भीड़ कम दिखी। जिन्हें बाहर निकलना जरूरी था वह भी छांव की तलाश करते दिखे। देर शाम सोनभद्र व मीरजापुर के कुछ इलाकों में आंधी की सूरत भी बनी मगर यह थोड़ी देर में खत्म भी हो गई। जिससे मौसम की तल्खी पूर्वाचल के विंध्य क्षेत्र में भी बनी रही और पहाड़ी क्षेत्र सुबह से शाम तक तपते रहे।

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मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को भी मानसून उसी बिंदु पर पूर्ववत ठिठका रहा। इस लिहाज से पूर्वाचल में मानसून छह दिन पिछड़ गया है। अब आगे भी मानसून और पिछड़ा तो फसल का मौसम भी उत्तर भारत में प्रभावित होगा। जिससे आने वाली फसली सत्र में महंगाई बढ़ने का अंदेशा है।

मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि वातावरण की परिस्थितियों ने मानसून की राह रोक रखी है। इस वजह से यह ठिठका हुआ है, अनुकूल परिस्थितियां बनते ही यह पुन: सक्रिय हो सकता है। अंदाजा है कि जून के आखिर तक मानसून समूचे पूर्वाचल में सक्रिय हो जाएगा।


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