पूर्वांचल में बादलों ने रात भर गिराया पानी, खेतों में बूंदों की खूब हुई मेहरबानी
गुरुवार को वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल के कई जिलों में दोपहर बाद अचानक आसमान में काले बादलों का जमावड़ा हुआ तो बूंदाबांदी ने तेज बारिश का रूप ले लिया।
पूर्वांचल डेस्क, वाराणसी : गुरुवार दोपहर से शुरू हुई बरसात के बाद पूर्वांचल के सभी जिलों में रात भर बरसात होती रही। इससे पूर्व गुरुव को दोपहर बाद अचानक आसमान में काले बादलाें का जमावड़ा हुआ तो बूंदाबांदी ने तेज बारिश का रूप ले लिया। इस दौरान आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ और सोनभद्र सहित सभी जिलों में अचानक झमाझम बरसात शुरू हो गई। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि मानसून की अक्षीय रेखा अपनी स्थिति के दक्षिण में होते हुए आगे बढ़ रही थी वह उत्तर की ओर मुड़ गयी है इसलिए पूर्वांचल में भी बारिश हो रही है। इसकी वजह से बीते चौबीस घंटों में बादलों ने अकेले वाराणसी में ही 34 मिमी पानी गिराया है।
बनारस में भी बादलों की मेहरबानी
दोपहर बाद वाराणसी में भी आसमान को बादलों ने ढंक लिया तो कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। मगर ढाई बजे के करीब बीएचयू और आसपास के इलाकों में बादलों में जमकर बारिश कराई। जिससे लोग बारिश की बूंदों से बचने के लिए छत की तलाश करते नजर आए।
खेतों में बरसा सोना
बारिश होने से सिंचाई के लिए पानी का इंतजार कर रहे किसानों के लिए बारिश राहत लेकर आई है। समूचे पूर्वांचल में बूंदाबांदी होने से अब धान के खेतों को सिंचाई की जरूरत नही है। यह बारिश करीब एक पखवाडे़ बाद हो रही है लिहाजा किसान जो खेतों में पानी लगाने वाले थे उनका खर्चा तो बचेगा ही साथ ही सब्जियों की फसल के लिए भी यह बारिश राहत लेकर आई है।
पूर्वांचल में इस दौरान माैसम में भी तल्खी कुछ कम हुई है, उमस हालांकि बढ़ी है मगर दोपहर में कई जिलाें में आसमान में बादलों का कब्जा बना रहा। बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम 24 डिग्री दर्ज किया गया। जो कि सामान्य से एक डिग्री कम था। वहीं अधिकतम आर्द्रता 93 फीसद और न्यूनतम 90 फीसद दर्ज की गई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पूर्वांचल में नमी का स्तर बढ़ने से बारिश हो रही है मगर यहां लंबे समय तक सक्रियता बरकरार नहीं रहेगी। हालांकि बूंदाबांदी से तापमान में और भी गिरावट दर्ज की जाएगी।
बोले मौसम विज्ञानी : प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार मानसून की अक्षीय रेखा जो अपनी स्थिति के दक्षिण में होते हुए आगे बढ़ रही थी वह एक बार फिर उत्तर की ओर मुड़ गयी है। इसी कारणवश समूचे पूर्वांचल में यह बरसात हो रही है।