Weather forecast for varanasi : पूर्वांचल में निसर्ग का असर हुआ कमजोर, बादलों की सक्रियता के बीच गिरा पारा
पूर्वांचल में निसर्ग का असर हुआ कमजोर बादलों की सक्रियता के बीच गिरा पारा।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में पांच दिन पूर्व हुई बरसात और ओलावृष्टि ने भीषण गर्मी और गर्म हवा से राहत दी है। वहीं मौसम में आये बदलाव से अधिकतम तापमान भी 40 डिग्री से कम आ चुका है। दूसरी ओर मौसम विज्ञानी जून के पहले पखवारे में प्री मानसूनी बारिश का अंदेशा अब भी जाहिर कर रहे हैं। वहीं अरब सागर के चक्रवाती तूफान का पर्याप्त असर पूर्वांचल तक होने की भी उम्मीद कम है। यह बादल और बूंदाबांदी के रूप में ही असर दिखा सकता है।
देर रात से दोपहर तक कई इलाकों में बारिश तो कई जगहों पर बूंदाबांदी हुई। इसकी वजह से समूचे पूर्वांचल में मौसम अमूमन बादलों के बीच ऐसे ही बना रहा। वहीं मानसून अब तय समय मे ही गुरुवार को कर्नाटक में प्रवेश करने के बाद महाराष्ट्र में दस्तक देने जा रहा है। हालांकि बंगाल की खाड़ी की तरफ से मानसून की गति थोड़ी सुस्त बनी हुई है।
बीते 24 घंटों में वाराणसी में अधिकतम तापमान 36 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री कम है। जबकि न्यूनतम पारा 27.6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य रहा। इस दौरान आर्द्रता अधिकतम 54 और न्यूनतम 51 फीसद दर्ज किया गया। गुरुवार को सुबह से ही आसमान में बादलों की सक्रियता बनी रहने से तापमान में दोबारा कमी आ सकती है। हालांकि पड़ोसी जिले सोनभद्र में घने बादलों का जमावड़ा बना हुआ है।
मानसून अचानक सक्रिय होकर तय समय पर एक जून को केरल तट पार करते हुए कर्नाटक की सीमा तक ईस्ट सेंट्रल में पहुंच चुका है। बड़ा बदलाव न हुआ तो उत्तर प्रदेश में मॉनसून 20-22 जून तक सोनभद्र के रास्ते प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद पर्याप्त बारिश इन पूरे सत्र में बादल कराएंगे। मौसम विज्ञनियों के अनुसार इस बार मानसून सामान्य रहने की ही उम्मीद है। जिससे खरीफ का फसली सत्र भी बेहतर ही बना रहेगा।
वहीं दूसरी ओर आसमान में बादलों की सक्रियता देखकर मौसम के बेहतर रुख होने से किसानों ने भी खेतों की ओर अब रुख करने के साथ धान और अन्य खरीफ फसलों की बोआई शुरू कर दी है। इससे आगामी फसली सत्र में बेहतर फसल उत्पादन की आस जगी है। कृषि विज्ञानियों के अनुसार यह मौसम धान सहित खरीफ की फसलों के बोआई के काफी अनुकूल है।
पूर्वांचल में छाया काले बादलों का बसेरा
पूर्वांचल में भी गुरुवार की सुबह से ही शुरू हो गया। नौ बजे के बाद आसमान में काले बादल छा गए। इसके कारण दिन में ही अंधेरा छा गया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बारिश भी शुरू हो गई। इसके कारण भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिल रही है। इससे पहले बुधवार को भी निसर्ग का असर देखने को मिला था। गर्म हवा के बाद भी शहर से लेकर गांव तक बादल में घिरे थे अक्सर देखा गया है कि बंगाल की खाड़ी से नमी आने के बाद बारिश की संभावना होती है, लेकिन निसर्ग चक्रवात के कारण स्थिति बदल गई है। तीन दिनों से दक्षिण-पश्चिमी हवा चल रही है। यही वजह है कि गुजरात-महाराष्ट्र में आए इस चक्रवात का असर यहां भी आ रहा है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि बादल के कारण तापमान में भी सुधार हुआ है। बताया कि चक्रवात निसर्ग के कारण पूर्वांचल में अभी भी बारिश की संभावना बनी हुई है। यह स्थिति शुक्रवार तक बनी रह सकती है।