पूर्वांचल में बदला मौसम, खेतों में बरसी दुश्वारी, अधिकतम तापमान में आई गिरावट
पूर्वांचल में मंगलवार की शाम से ही मौसम का रुख बदल गया और रात होते होते आसमान में काले बादलों का जमघट लग गया।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में मंगलवार की शाम से ही तल्ख हो रहे मौसम का रुख बदल गया और रात होते-होते आसमान में काले बादलों का जमघट लग गया। आधी रात के बाद कई जिलों में गरज चमक के साथ बारिश शुरु हुई जो बुधवार दोपहर तक जारी रही। इससे एक दिन पूर्व अधिकतम पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया था जिससे उमस और गर्मी में काफी इजाफा हो गया था। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले 48 घंटों तक मौसम के ऐसे ही रहने की संभावना है, इसके बाद गर्मी में और भी बढोतरी होगी।
वहीं कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जायद की फसल के लिए जहां बारिश अच्छी है वहीं खेतों में कटने के लिए तैयार गेहूं की फसल का उत्पादन काफी प्रभावित होगा। बारिश होने से किसान मायूस हुए हैं क्योंकि गेंहू व चना की फसल खेत मे ही रह जायेगी व जो कटाई हो चुकी है वह काला पड़ जाएगा जिससे किसानों की फसल के उचित दाम नही मिलेंगे। फसल भीगने से बुधवार को ग्रामीण अंचलों में गेहूं की मढाई प्रभावित हो गई है। वहीं गेहूं भीगने से किसानों का मानना है कि फसल सूखने के लिए तीन चार दिन और धूप की जरुरत होगी तभी फसल की थ्रेसिंग संभव है। दूसरी ओर देर रात से ही तेज हवाओं की वजह से आम का उत्पादन भी प्रभावित होने की आशंका बाग मालिकों ने जताई है।
सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर रखरखाव का अभाव होने की वजह से बारिश से गेहूं के बोरे भी कई जगह भींग गए। वहीं खलिहान में खुले में रखा किसानों का गेहूं और भूसा भी गीला हो गया। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रात से ही किसान अपनी उपज बचाने की जददोजहद में लगे नजर आए। वहीं सोनांचल में महुआ संकलन का काम भी बारिश होने की वजह से प्रभावित हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार सीजन में दो चार दिन ऐसे ही रहा तो इस वर्ष दामों में भी बढोतरी हो सकती है।