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मौसम का हाल : जल्‍द ही सर्द होंगी रातें, 17 डिग्री तक तक पहुंच जाएगा तापमान

मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अब रात में सर्द बढ़ेगी। न्यूनतम तापमान गिरकर 17 डिग्री तक पहुंच जाएगा। ऐसे में लोगों ने सतर्कता नहीं बरती तो बीमार पडऩा तय है। जबकि गेहूं की बुआई के लिए मौसम अनुकूल माना जा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 07:37 PM (IST)
मौसम का हाल : जल्‍द ही सर्द होंगी रातें, 17 डिग्री तक तक पहुंच जाएगा तापमान
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अब रात में सर्द बढ़ेगी।

चंदौली, जेएनएन। मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अब रात में सर्द बढ़ेगी। न्यूनतम तापमान गिरकर 17 डिग्री तक पहुंच जाएगा। ऐसे में लोगों ने सतर्कता नहीं बरती तो बीमार पडऩा तय है। जबकि गेहूं की बुआई के लिए मौसम अनुकूल माना जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों ने किसानों को रबी फसलों की बुआई की तैयारी में जुटने की सलाह दी है। हाल के दिनों में रबी फसलों की बुआई करने पर बीज का जमाव बेहतर होगा। इससे उत्पादन भी बढ़ेगा।

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मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आगामी सप्ताह में मौसम साफ रहेगा। औसत अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य, न्यूनतम तापमान 17 से 19 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहेगा। आद्र्रता 70 फीसद तक रहेगी। सामान्य गति से अधिकतर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर हवा चलने की संभावना है। इस समय तो दिन में मौसम सामान्य है। लेकिन नवंबर माह में दिन में भी लोगों को ठंड का अहसास होने लगेगा। इससे जनजीवन तो प्रभावित होगा। लेकिन खेती-बाड़ी के लिए मौसम अनुकूल माना जा रहा है।

कृषि वैज्ञानियों ने दी सलाह

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि मौसम विज्ञानी कृष्णमुरारी पांडेय ने बताया कि गेहूं की बोआई के लिए मौसम अनुकूल है। रात के तापमान में गिरावट को देखते हुए किसान जल्द से जल्द धान की कटाई कर गेहूं की बोआई कर दें। इससे जमाव अच्छा होगा। वहीं धान की कटाई से पहले खेत की ङ्क्षसचाई किसी भी हाल में न करें। क्योंकि खेत सूखने में समय लगेगा। अनाज को सही ढंग से सुखाकर ही भंडारण करें। सरसों की बोआई के लिए यह उचित समय है। बेहतर बीज अंकुरण के लिए मिट्टी में नमी सुनिश्चित करें। सरसों व मटर की प्रजाति पूसा विजय, पूसा-29, पूसा-30, पूसा -31 आदि का बेहतर उत्पादन होता है। डेढ़ से दो किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मटर की प्रगति अर्केल की इस समय बुआई की जा सकती है। बीज को कवकनाशी कैप्टान व थीरम 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज में मिलाकर शोधित कर लें। इसके बाद राइजोबियम कल्चर से इसे उपचारित करें। आलू की खेती करने वाले किसान अच्छे अंकुरण व उत्पादन के लिए एम-45 प्रजाति की बुआई करें।


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