मौसम का हाल : सुबह खिली धूप, शाम को बादलों का घेरा, वाराणसी में 17 व 18 को स्कूल-कालेज बंद
मौसम की अठखेली ने गुरुवार को कई रंग दिखाए। सुबह लोगों को सूर्य देव ने कड़ी धूप का आनंद दिया तो शाम को बादलों ने फिर आसमान को घेर लिया।
वाराणसी, जेएनएन। मौसम की अठखेली ने गुरुवार को कई रंग दिखाए। सुबह लोगों को सूर्य देव ने कड़ी धूप का आनंद दिया तो शाम को बादलों ने फिर आसमान को घेर लिया। दोपहर तक धूप अपने तीव्र रूप में थी जिसका फायदा जनता ने उठाया। वहीं, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने संभावित भारी बारिश एवं शीतलहर को ध्यान में रखते हुए जनपद के इंटर तक स्कूल व कॉलेज 17 व 18 जनवरी को बंद करने का आदेश दिया है। यह आदेश यूपी बोर्ड, संस्कृत बोर्ड, मदरसा, सीबीएसई, आईसीएसई सभी पर लागू होंगे। उक्त आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किए जाने पर जोर देते हुए कहा है कि जिन स्कूल व कॉलेज में प्री-बोर्ड की परीक्षा संचालित हो रही है, वह यथावत चलती रहेगी।
गुरुवार को अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री व न्यूनतम 11.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतर आर्द्रता 95 प्रतिशत व न्यूनतम आर्द्रता 67 प्रतिशत रही। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने वेस्टर्न डिस्टरवेंस के चलते वार्म फ्रंट आया है। इसी वजह से मौसम में परिवर्तन का दौर जारी है और बादल आए हैं। 17 और 18 जनवरी तक पूर्वी उत्तरप्रदेश में बादलों के कारण बारिश की संभावना बन रही है। हो सकता है कहीं कहीं बारिश हो। 19 जनवरी से कोल्ड फ्रंट आने की उम्मीद है इससे कोहरा शुरू होगा जिससे ठंडी हवाएं चलेंगी और तापमान में गिरावट आएगी। अंचल क्षेत्रों में सुबह कोहरे की धुंध छाए रहने से लोगों को परेशानी महसूस हुई। वाहनों का संचालन ठप हो गया। हेडलाइट के सहारे वाहन रेंगते हुए दिखाई दे रहे थे। एक मीटर की दूरी पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। सुबह तो लग रहा था कि कोहरा कम होने के बजाय बढ़ रहा है। कोहरे की वजह से यातायात प्रभावित रहा। इसके साथ ही अन्य कार्यों में भी दुश्वारियां पैदा हो रही थीं।
पतंगबाजी का ले रहे थे आनंद
महिलाओं के चेहरे खिल उठे थे कि अब मौसम ने ठंड से राहत दी है। उधर बच्चे भी आराम से पतंगबाजी का आनंद ले रहे थे। पक्के मुहल्लों में तो दोपहर का खाना भी छत पर धूप लेते हुए लोग करते नजर आए। वहीं जैसे जैसे शाम ढलने लगी बादलों की आवाजाही बढ़ गई। एक बार तो लगा कि बारिश होगी मगर अगले पल मौसम ने करवट ली और केवल बादल ही छाए रहे।