स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 : लक्ष्मीकुंड में भरा जाएगा पानी, नगर आयुक्त के नेतृत्व में घाटों का किया निरीक्षण
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के मद्देनजर रविवार की छुट्टी के दिन भी नगर निगम के अधिकारियों की फौज घाटों पर फैली गंदगी और कुंड पोखरों के पानी और वहां फैली गंदगी को देखा।
वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के मद्देनजर रविवार की छुट्टी के दिन भी नगर निगम के अधिकारियों की फौज घाटों पर फैली गंदगी और कुंड पोखरों के पानी और वहां फैली गंदगी को देखा। नगर आयुक्त गौरांग राठी को शिवाला और जलासेन घाट पर लोगों के घरों के नाले गिरते मिले। कई घाटों पर मलबा बिखरा मिला।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए दिल्ली के आने वाली टीम को सबकुछ मानक के अनुरूप मिले। इसके लिए नगर निगम प्रशासन कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रहा है। मातहतों की बैठक के साथ मौके पर जाकर भी नगर आयुक्त तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। उधर, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी रामसकल यादव ने दुर्गाकुंड, कुरुक्षेत्र, लक्ष्मीकुंड और शंकुलधारा पोखरा का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी कुंड का पानी खराब होने के कारण उसमें पानी भरा जाएगा। इसके पहले गंदा पानी को पंप से बाहर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शंकुलधारा पोखरे में काई लगने से वहां पानी हरा दिख रहा है। वहां काई को साफ कराया जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू, नगर आयुक्त ने कसे पेंच
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की उल्टी गिनती शुरू हो गई। शनिवार को सर्वेक्षण के पहले दिन नगर आयुक्त गौरांग राठी ने लगभग चार घंटे बैठक कर मातहतों की पेंच कसे। कहा कि लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। स्वच्छता सर्वेक्षण 31 जनवरी तक होना है। अभी हाल ही में 20 शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में वाराणसी नगर निगम को 14वां स्थान मिला था। इसके मद्देनजर निगम प्रशासन और बेहतर रैंकिंग के लिए प्रयासरत है।
आएगी जीएफसी की टीम
प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी रामसकल यादव ने बताया कि जल्द ही जीएफसी (गारबेज फ्री सिटी) की टीम आएगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। यह टीम एसटीपी, कुंड, पोखरा, तालाब, बाजार, मछली मंडी, सब्जी मंडी, बस स्टेशन, आवासीय प्लाट, व्यावसायिक परिसर और पार्क का निरीक्षण कर नंबर देगी।
दो सौ रुपये से लेकर 25 हजार तक है जुर्माना
स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत गड़बड़ी पर जुर्माना भी तय है। घरों का कूड़ा बाहर फेंकने पर कम से कम दो सौ और पांच सौ रुपये से शुरूआत है। यह अधिकारियों के विवेक पर निर्भर करता है। इसके अंतर्गत पांच हजार तक भी जुर्माना लगाया जा सकता है। 16 श्रेणियों में निर्धारित यह जुर्माना घरेलू कूड़ा से लेकर बाजार समितियों, संस्थान, होटल, कंपनियों और स्ट्रीट वेंडर के लिए तय है।