चंदौली में बांध व बंधियों के पानी की गुणवत्ता की होगी जांच, वन्यजीव हो रहे बीमार
काशी वन्यजीव प्रभाग के चकिया व नौगढ़ वन क्षेत्रों के बांध बंधियो नालों व अन्य जल क्षेत्रों के पानी की सैंपलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है।
चंदौली, जेएनएन। काशी वन्यजीव प्रभाग के चकिया व नौगढ़ वन क्षेत्रों के बांध, बंधियो, नालों व अन्य जल क्षेत्रों के पानी की सैंपलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। जलाशयों व अन्य क्षेत्रों में स्थित पानी का इस्तेमाल वनों में रहने वाले लोगों के साथ ही पशु, पक्षी व वन्यजीव करते हैं। ऐसे में पानी का प्रदूषण मुक्त व पर्यावरण के लिहाज से शुद्ध होना बेहद जरूरी है। एक आकलन के अनुसार प्रदूषित जल के सेवन से वन्य जीवों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर देखा जा रहा है। वहीं पालतू जानवर व चरवाहों द्वारा भी जलाशयों के पानी का सेवन किया जा रहा है। इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। समस्या के दृष्टिगत वन्य जीव प्रभाग की ओर से वन क्षेत्र में स्थित जल क्षेत्र से पानी का सैंपल लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशाला में गुणवत्ता की जांच को भेजा जाएगा।
प्रभाग के चकिया रेंज में 10, चंद्रप्रभा , नौगढ़ रेंज में 13-13, जयमोहनी रेंज में 11 व मझगांई में आठ जल क्षेत्रों से पानी की सैंपलिंग की गई है। कुल 55 वेटलैंड्स चिन्हित किए गए हैं। इसमें नौगढ़ बांध भी शामिल है। इनके पुनर्जीवन को वन विभाग की ओर से योजना बनाने की कार्रवाई को अमल में लाई जा रही है। चिन्हित बंधियों, नालों से एक - एक लीटर पानी का सैंपल भरा गया। अधिकारियों के निर्देश पर वन दरोगा, वनरक्षकों ने पानी का सैंपल लिया है। वन क्षेत्राधिकारी रिजवान खान ने बताया की पशु, पक्षियों और वन्य जीवों की हिफाजत के साथ इंसानों को भी पानी की जांच का फायदा होगा। वेटलैंड बंधियों और नालों के जल प्रदूषित मिलने पर प्रदूषण विभाग उसे स्वच्छ, निर्मल और गुणवत्ता परक बनाने का प्रयास करेगा।