शहर का भूजलस्तर 20 फीट गिरा, हाहाकार
वाराणसी : भीषण गर्मी में पानी का जलस्तर लगातार गिरने से नलकूपों ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। जलस्त
वाराणसी : भीषण गर्मी में पानी का जलस्तर लगातार गिरने से नलकूपों ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। जलस्तर 80 फीट से बढ़कर 100 से 110 फीट पर पहुंच गया है। चार नलकूपों के बंद होने के साथ दूसरों की स्थिति खराब देख जलकल उसे बचाने में जुट गया है। वहीं, गंगा में पानी कम होने से भदैनी वाटर लिफ्टिंग पंप के पहले लेवल ने काम बंद कर दिया है। दूसरे लेवल से पानी लिफ्टिंग की जा रही है। जल्द बारिश नहीं हुई तो शहर में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा। हालांकि जलकल पानी छोड़ रहे पंपों को दुरुस्त कराने में जुट गया है।
शहरवासियों को पेयजल आपूर्ति के लिए 148 बड़े और 118 छोटे नलकूप लगे हैं। शहर को सामान्य दिनों में 250 से 276 एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है। अधिक ठंड पड़ने पर ही मांग कम होती है लेकिन इस भीषण गर्मी में पानी की मांग 310 एमएलडी तक पहुंच गई है। मांग की अपेक्षा पानी आपूर्ति नहीं होने से स्थिति बिगड़ती जा रही है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति पक्कामहाल समेत ऊंचे इलाकों की है। सैकड़ों घरों में पेयजल आपूर्ति बंद तो कई घरों में नलों की टोटी से पानी की धार पतली हो गई है। परेशान लोग लगातार जलकल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा है। जलकल के अभियंता चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इन मोहल्लों में गहराया संकट
शिवपुरवा, तुलसीपुर, ताराधाम, बिंद बस्ती, मोहनी कुंज, शील नगर, शिवाजी नगर, शिव शक्ति नगर, बिरदोपुर, बड़ीगैबी, विनायका, बैजनत्था कालोनी, कबीर नगर, नवाबगंज, दुर्गाकुंड, कैवल्यधाम, ब्रह्मानंद, खोजवां, जैतपुरा, पीलीकोठी, गायघाट, कालभरैव, सुड़िया आदि क्षेत्रों में पेयजल संकट बना है। 200 एमएलडी हो रही आपूर्ति
भदैनी वाटर लिफ्टिंग पंप से 80 किलोलीटर के दो पंप और 40 किलो लीटर का एक पंप चल रहा है। इनसे क्रमश: 160 एमएलडी और 40 एलडी पानी की आपूर्ति हो रही है। वहीं दो पंप 80 और 40 एमएलडी के बंद पड़े हैं। सप्ताहभर में आई 176 शिकायतें
पेयजल को लेकर नगर निगम और जलकल कार्यालय के कंट्रोल रूम में शिकायतें अचानक बढ़ गई हैं। सामान्य दिनों में 5 से 10 शिकायतें आती थीं जो इस समय 25 से 30 हो गई हैं। अचानक शिकायतें बढ़ने से जलकल कर्मी परेशान है, उसके सापेक्ष उसका निस्तारण भी नहीं कर पा रहे हैं। शिकायतों को नहीं सुनते अफसर
पार्षद दिनेश यादव, गोपाल यादव, सीता शर्मा, कौशल्या देवी, पूर्व पार्षद दिनेश शर्मा, पुन्नू लाल बिंद, वरुण सिंह, अवनीश सिंह मुन्ना, जगदीश त्रिपाठी आदि का कहना है कि पेयजल संकट और दूषित आपूर्ति की शिकायत रोज संबंधित अफसरों से की जा रही है। अधिकारी शिकायतों के निस्तारण का भरोसा दिलाते हैं लेकिन कब होगा मालूम नहीं है। फूटा गुस्सा, किया प्रदर्शन
नरिया वार्ड में कई दिनों से पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा। नाराज लोगों ने खाली डिब्बे व बाल्टी लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जलकल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेतृत्व कर रहे नरिया वार्ड के पार्षद कमल पटेल और पूर्व पार्षद वरुण सिंह ने कहा कि कई दिनों से क्षेत्र में पेयजल संकट होने हाहाकार मचा है। पानी के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं। पानी का जलस्तर नीचे जाने से हैंडपंपों ने भी साथ छोड़ दिया है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत क्षेत्र में पानी टैंकर भेजने की मांग की गई थी लेकिन जलकल अधिकारियों ने नहीं भेजा। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी पानी नहीं मिलना आश्चर्य की बात है। पुराने नलकूपों ने पानी छोड़ दिया है, फिर भी उसे रिबोर नहीं कराया जा रहा है। शीघ्र पेयजल आपूर्ति सामान्य नहीं हुई तो जलकल अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। धरना में प्रज्ञा गौड़, लौंगा देवी, सावित्री देवी, शफीना बेगम, रशिदन बेगम, नाजिमा बेगम, उसना बेगम, आरती देवी, बेला, पप्पू मिश्रा, सुनील वर्मा, आलोक गुप्ता, दिनेश पटेल आदि शामिल थे। पंप जलने से गहराया पेयजल संकट
भेलूपुर जोन के बजरंग नगर कालोनी (भिखारीपुर) के लोग तीन दिनों से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। परेशान लोग क्षेत्रीय पार्षद समेत जलकर अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। कालोनी में लगा हैंडपंप भी खराब है। ऐसे में लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि कहां जाएं। जलकल अधिकारियों से पानी टैंकर भेजने की मांग की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कालोनी के रहने वाले बजरंगी यादव, किशोरी गुप्ता, महेंद्र, शमशेर ने बताया कि पंप रिबोर करने की मांग दो साल से की जा रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। पंप जलने से कालोनी में पेयजल संकट गहरा गया है। ----
जलस्तर नीचे जाने तथा गंगा में पानी कम होने से पेयजल आपूर्ति में समस्या आ रही है। फिर भी कोशिश है कि शहरवासियों को कोई परेशानी नहीं हो। जरूरत के मुताबिक पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं। समस्याएं प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित की जा रही हैं। पानी का लेबल 80 फीट रहता था जो इस समय करीब 110 फीट पहुंच गया है।
-बीके सिंह, महाप्रबंधक, जलकल।