वाराणसी में राजकीय नलकूप प्रक्षेत्र में जल संचयन अब होगा अनिवार्य, शासन के निर्देश पर तैयारी
राजकीय नलकूप प्रक्षेत्र में अब जल संचयन की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। भूगर्भ जल के अतिदोहन की वजह से बहुतायत क्षेत्रो में भूजल का पानी नीचे जा रहा है। इसलिए शासन ने भूगर्भ जल को बचाने के लिए सबसे पहले सरकारी मशीनरी को कसने को कदम उठाया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता : राजकीय नलकूप प्रक्षेत्र में अब जल संचयन की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। भूगर्भ जल के अतिदोहन की वजह से बहुतायत क्षेत्रो में भूजल का पानी नीचे जा रहा है। इसलिए शासन ने भूगर्भ जल को बचाने के लिए सबसे पहले सरकारी मशीनरी को कसने को कदम उठाया है। ग्रामीण अंचल में नलकूप से पानी की निकासी सर्वाधिक होती है, क्योंकि इससे सर्वाधिक लोगों के खेत सिंचित होते हैं।
शासन के निर्देश के क्रम में सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता ने नलकूप स्थल पर बड़े पैमाने पर पौधे लगाने के निर्देश दिए हैं।इसमें नीम के पौधे सर्वाधिक लगाने पर जोर है। यह भी कहा गया है कि नियमित उक्त क्षेत्र के पानी के स्तर की जांच भी कराने की व्यवस्था कराई जाए ताकि सही स्थिति का पता चल सके। इसकी जानकारी भी शासन को दी जाए।
प्रमुख अभियंता की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि प्रक्षेत्र में अगर तालाब है तो उसकी खोदाई भी करायी जाए। इसके बाबत मनरेगा के धनराशि का उपयोग हो। इसी के साथ ही समस्त लघु डाल नहरों में टेल तक पानी की स्थिति भी सुनिश्चित हो। समय समय पर इसकी पड़ताल भी की जाए। इसमे किसी भी तरह की लापरवाही न हो।
नलकूप क्षेत्र में अमृत सरोवर निर्माण पर बल
आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर देश मे मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के क्रम में जिले 75 अमृत सरोवर का निर्माण होना है। एक एकड़ क्षेत्रफल में बनने वाले सभी तालाब चिहिन्त कर लिए गए हैं। इसी वर्ष 15 अगस्त तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाना है। जिले में लगभग एक दर्जन से अधिक तालाब का इस्टीमेट भी फाइनल हो चुका है, निर्माण एक दो दिन में शुरू हो जाएगा। शेष का इस्टीमेट भी बनने की बात है। एक दो दिन में इस पर भी डीएम की ओर से मुहर लग जाएगी। इन तालाबो के चिन्हांकन के दौरान नलकूप क्षेत्र, बंजर , क्रिटीकल ज़ोन में जाने वाले क्षेत्र को प्राथमिकता के तहत लिए जाने की बात है।