रेल अस्पताल-आवासों में घुसा पानी मगर अधिकारियों को नहीं याद, किससे करें फरियाद Varanasi news
21 वीं सदी में तरक्की की राह पर रफ्तार भर रही भारतीय रेल। इसे ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले कर्मचारी उनके परिजन दुर्दशा झेल रहे हैं।
वाराणसी, जेएएनएन। 21 वीं सदी में तरक्की की राह पर रफ्तार भर रही भारतीय रेल। इसे ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले कर्मचारी उनके परिजन दुर्दशा झेल रहे हैं। घंटे भर बारिश हुई तो कई घंटे घरों में कैद होकर रहना मजबूरी बन जाती है। कर्मचारियों के बाद यूनियनों ने भी शोर मचाया लेकिन अफसरों की तंद्रा टूट नहीं पा रही है। आदर्श एइएन कालोनी का बुरा हाल नार्दन रेल की एइएन कालोनी को दूसरी कालोनियों से बेहतर माना जाता है। यहां की स्थिति दूसरी कालोनियों के हालात बताने को पर्याप्त है। क्यों की यहां अधिकारियों के भी आवास हैं। गुरुवार रात हुई बारिश का पानी शुक्रवार शाम तक मुसीबत बना रहा।
अस्पताल में पानी घुसने से हो रही मुश्किल नार्दन रेल का अस्पताल एइएन कालोनी में है। तीन हजार कर्मचारी उनके परिजन इलाज को यहीं पहुंचते हैं। अस्पताल में पानी भरने से लोगों को मुश्किलों का सामाना करना पड़ रहा है। पहली बारिश में ही दुश्वारियों ने फन काढ़ लिया लेकिन समाधान नहीं निकल सका। फिक्रमंद आरएमएस कालोनी वाले किससे करें फरियाद कैंट रेलवे स्टेशन से सटी आरएमएस कालोनी में सड़क किनारे के आवासों में रह रहे कर्मचारी फिक्रमंद है। दरअसल, आवासों के पिछले हिस्से में रेलवे का नाला निर्माणाधीन है। मार्च महीने में शुरू हुई काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। बारिश में पानी नाले में घुसकर मिट्टी का कटाव करते आवासों को कमजोर करने लगी है। कर्मचारी फिक्रमंद हैं, लेकिन उनका दो टूक जवाब किससे फरियाद करें।
जून माह में ही पत्र लिखकर अधिकारियों को चोक नाले-नालियों का संज्ञान लेने को कहा था। रेलवे की सभी कालोनियों की दशा एक जैसी है। मानसून पूर्व अलर्ट करने का कोई मतलब नजर नहीं आ रहा है। -विंध्यवासिनी यादव, शाखा मंत्री, उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन।