जल संरक्षण दिवस : बूंद-बूंद सहेजा तो बढ़ा सोनभद्र का भूगर्भ जल, कुएं व तालाबों की हुई थी खोदाई
बारिश की एक-एक बूंद सहेजने की कोशिश रंग लाई। सोनभद्र के भूगर्भ जलस्तर में मामूली वृद्धि की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
सोनभद्र [दीपक शुक्ल]। बारिश की एक-एक बूंद सहेजने की कोशिश रंग लाई। सोनांचल के भूगर्भ जलस्तर में मामूली वृद्धि की रिपोर्ट दर्ज की गई है। तालाब, कुआं और पोखरा के निर्माण की वजह से वर्ष 2018 के सापेक्ष 2019 में औसतन 0.30 मीटर जलस्तर ऊपर आया है। इस पर 48 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
भूगर्भ जल विभाग खंड मीरजापुर स्तर पर एक वर्ष में दो मर्तबा जलस्तर यानी प्री-मानसून में 15 मई से 15 जून और दिसंबर में भूगर्भ जलस्तर की माप होती है। वर्ष 2018 के सापेक्ष 2019 में प्री-मानसून में 0.30 और मानसून में 2.12 की वृद्धि की गई है। इसी तरह औसत वृद्धि 0.30 मीटर दर्ज की गई। जबकि पिछले कई सालों से जलस्तर नीचे जाने की रिपोर्ट आ रही थी।
तीन हजार कुओं का जीर्णोद्धार
जिले में पिछले वर्ष जल संरक्षण के लिए पंचायती राज विभाग ने तीन हजार कुओं को जीर्णोद्धार कराया। प्रत्येक पर लगभग 50 हजार रुपये खर्च हुए थे। ऐसे में कुल खर्च एक करोड़ 50 लाख रुपये हुआ था।
1001 तालाबों की खोदाई
जल संरक्षण को गति देने के लिए मिशन सोन अभियान के तहत जिले में 1001 तालाबों की खोदाई कराई गई। ताकि बारिश के पानी को एकत्रित किया जा सके। इसके लिए कुल 42 करोड़ 63 लाख रुपये खर्च किए गए थे।
400 टंका का हुआ था निर्माण
जल संरक्षण के लिए जिला प्रशासन की ओर से 400 टंका (कुएं के आकार का बड़ा गड्ढा) का निर्माण कराया गया। इस पर कुल चार करोड़ रुपये खर्च किए गए।
बारिश ठीक होने व जल संरक्षण की दिशा में अच्छी पहल से भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि
बारिश ठीक होने व जल संरक्षण की दिशा में अच्छी पहल से भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि हुई। भूगर्भ जलस्तर में 0.30 मीटर की हुई बढ़ोतरी को और बढ़ाना होगा। आगे भी जल संरक्षण की दिशा में ठोस पहल की जरूरत है।
-अनुपम श्रीवास्तव, एक्सईएन, भू-गर्भ जल विभाग खंड मीरजापुर।