अस्पताल में पर्ची के लिए दो घंटे करिए इंतजार, चिकित्सक नहीं देते हैं समय
वाराणसी के सरकारी अस्पतालों में कंप्यूटराइज्ड पर्ची मरीजों के लिए मुसीबत बन गई है। रोज मरीजों को पर्ची काउंटर के बाहर घंटों लाइन लगाना पड़ता है।
वाराणसी, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में कंप्यूटराइज्ड पर्ची मरीजों के लिए मुसीबत बन गई है। रोज मरीजों को सुबह एक से दो घंटे पर्ची काउंटर के बाहर खड़े होना पड़ता है, माह में दो-तीन दिन तो दिनभर। परेशान मरीज आए दिन पर्ची काउंटर पर विरोध करने के साथ हंगामा करते हैं। चिकित्सा अधीक्षकों से शिकायत तक करते हैं लेकिन सर्वर के नाम पर वे भी पल्ला झाड़ लेते हैं। वहीं, चिकित्सक समय से ओपीडी से उठ जाते हैं, इसके चलते आए दिन कई मरीजों को बैरंग लौटना पड़ता है।
सर्वर की खराबी कब सुधरेगी इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते रहे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के पर्ची काउंटर को कंप्यूटराइज्ड कर दिया गया है। यहां मरीज और पिता का नाम, मोबाइल नंबर और पता बताने पर पर्ची आनलाइन निकाली जाती है। सर्वर डाउन या खराब होने के कारण सुबह रोज मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। काउंटर पर बैठे कर्मचारी सर्वर सही होने का हवाला देते रहते हैं।
केस-एक : आदमपुर के वसीम का कहना है कि मंडलीय अस्पताल में सुबह काउंटर खुलने से पहले पर्ची लेने के लिए पहुंचा। काउंटर भी खुल गया लेकिन सर्वर खराबी के चलते दो घंटे तक लाइन में खड़ा होना पड़ा। इसके चलते चिकित्सक के पास भीड़ हो जाती है, ऐसे में चिकित्सक मरीज को कम समय देते हैं।
केस-दो : कमलगढ़हा की बेगम सलमा कहती हैं कि मौसम बदलने के चलते बच्चे की तबीयत खराब है। मंडलीय अस्पताल सुबह काउंटर पर पहुंची तो पर्ची नहीं बन रही थी। वहां बैठे कर्मी लखनऊ से सर्वर खराब होने की बात करते रहे। नौ बजे के बाद पर्ची लेकर चिकित्सक के पास गई तो वहां एक साथ काफी भीड़ हो गई। चिकित्सक मरीज से पूछकर दवा लिख रहे थे जबकि उन्हें देखना चाहिए।