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बुनकर कार्ड की आड़ में नहीं कर सकेंगे बिजली चोरी, 10 करोड़ की बिजली खपत कर रहे करीब 25 हजार Varanasi news

सरकार बुनकरों को सहूलियत प्रदान करने को बिजली बिल में करीब 90 फीसद से अधिक रियायत दे रही है। इसके बावजूद कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 02:14 PM (IST)
बुनकर कार्ड की आड़ में नहीं कर सकेंगे बिजली चोरी, 10 करोड़ की बिजली खपत कर रहे करीब 25 हजार Varanasi news
बुनकर कार्ड की आड़ में नहीं कर सकेंगे बिजली चोरी, 10 करोड़ की बिजली खपत कर रहे करीब 25 हजार Varanasi news

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। सरकार बुनकरों को सहूलियत प्रदान करने को बिजली बिल में करीब 90 फीसद से अधिक रियायत दे रही है। इसके बावजूद कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन सख्त हो गया है। अब बुनकरी की आड़ में बिजली का अवैध उपभोग नहीं चलेगा। पावर कारपोरेशन ने अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिया है कि सभी के पावरलूम के साथ घरेलू कनेक्शन व उसमें होने वाली बिजली खपत की जांच की जाए। 

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सबसे अधिक वाराणसी में पावरलूम के कनेक्शन पर बुनकर कार्ड दिया गया है। इसके तहत बुनकर तीन हार्स पावर के लिए करीब सवा चार सौ रुपये ही देते हैं जबकि इनकी खपत ढाई हजार रुपये से अधिक की हो जाती है। कुछ लोग इसके नाम पर कनेक्शन लेकर घरेलू एवं अन्य कार्य भी कर रहे हैं। 

सबसे अधिक वाराणसी में कनेक्शन 

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में बुनकरी के नाम पर मात्र 14 हजार ही कनेक्शन हैं। वहीं दक्षिणांचल में महज तीन हजार ही लोग पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लिए हैं। वाराणसी शहर में ही (दोनों मंडल मिलाकर) करीब 25 हजार लोग पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लिए हैं। अगर वाराणसी जोन की बात की जाएं तो करीब 30 हजार और पूरे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में तो यह आंकड़ा लगभग 40 हजार तक पहुंच जाता है। 

सरकार चुका रही अरबों रुपये, फिर भी चोरी 

नगरीय विद्युत वितरण मंडल द्वितीय के अधीक्षण अभियंता दीपक अग्रवाल ने बताया कि उनके यहां करीब 15 हजार बुनकर हैं। वहीं प्रथम मंडल के अधीक्षण अभियंता विजय पाल ने बताया कि उनके यहां लगभग 10 हजार बुनकरों का कनेक्शन है। दोनों मंडल में बुनकर प्रति माह करीब 85 लाख यूनिट बिजली खपत कर लेते हैं। इसका बिल करीब 10 करोड़ रुपये आता है लेकिन बुनकर 50 लाख रुपये से भी कम चुकाते हैं। यानी शेष राशि सरकार बिजली विभाग को देती है। 

बोले अधिकारी : जिन्होंने पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लिए हैं सभी की जांच होगी। कुछ लोग इसकी आड़ में घरेलू व अन्य कार्य भी कर रहे हैं। जांच कर कार्रवाई के लिए कारपोरेशन से भी निर्देश आया है। - मनोज कुमार अग्रवाल, मुख्य अभियंता, (वितरण), वाराणसी जोन।


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