Move to Jagran APP

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी बोले - 'शिक्षा के स्वरूप में बदलाव जरूरी'

काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि समय व परिस्थितियों के अनुसार शिक्षा का स्वरूप परिवर्तित होता रहता है। यह जरूरी भी है। राष्ट्रीय शिक्षा के नीति का स्वरूप भी समय व परिस्थिति के अनुसार तैयार किया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 09:59 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 09:59 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी बोले - 'शिक्षा के स्वरूप में बदलाव जरूरी'
प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि समय व परिस्थितियों के अनुसार शिक्षा का स्वरूप परिवर्तित होता रहता है

वाराणसी, जागरण संवाददाता। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि समय व परिस्थितियों के अनुसार शिक्षा का स्वरूप परिवर्तित होता रहता है। यह जरूरी भी है। राष्ट्रीय शिक्षा के नीति का स्वरूप भी समय व परिस्थिति के अनुसार तैयार किया गया है। इसमें कौशल विकास और उद्यमिता दोनों का मार्ग प्रशस्त होगा।

loksabha election banner

वह शनिवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के पर पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ व राष्ट्रीय सेवा योजना संयुक्त तत्वावधान में परिसर स्थित केंद्रीय ग्रंथालय के समिति कक्ष आयोजित रष्ट्रीय शिक्षा नीति व राष्ट्र बोध विषयक संगोष्ठी में अध्यक्षता करते बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञानार्जन का एकमात्र स्रोत ना होकर विविध गुणों से ओतप्रोत बहुआयामी विकास को समाहित किए हुए एक मानवीय गतिविधि है। मुख्य वक्ता समाजसेवी संजय राय शेरपुरिया ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्रवाद की धारणा को प्रबल करती है तथा राष्ट्र निर्माण में उन सभी चीजों को समावेशित करती है जो एक राष्ट्र के उत्थान के लिए आवश्यक हैं। स्वागत डा. केके सिंह, संचालन डा. पारिजात सौरभ व धन्यवाद ज्ञापन डा. उर्जस्विता सिंह ने किया।

महिलाएं सबसे कुशल मैनेजर :  महिलाएं सबसे कुशल मैनेजर होती है। वह किसी भी परिस्थितियाें का सामना करने में सक्षम होती हैं। वहीं रिश्तों में मजबूती का मुख्य आधार बातचीत व आपसी समझ है। मिशन शक्ति अभियान के तहत आर्य महिला पीजी कालेज में शनिवार को आयोजित मानसिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान एवं परामर्श सत्र ये बातें वक्ताओं ने कही। प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा तेजस्विनी महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में में आयोजित व्याख्यान मुख्य वक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर डा. गरिमा गुप्ता ने कहा कि जीवन मे सफलता व समस्या मुक्त जीवन के लिए हमें अपनी दिनचर्या को दुरूस्त रखनी होगी। इस दौरान योग प्रशिक्षक गीता सिंह ने छात्राओं को योग का प्रशिक्षण दिया। अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. रचना दुबे, संचालन डा. सुनीता यादव ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.