आसान नहीं होगा पंजीयन, परिवहन विभाग के साफ्टवेयर से कनेक्ट होगी इंश्योरेंस कंपनी
परिवहन कार्यालय में पंजीयन से पहले स्वामी को वाहन का इंश्योरेंस टैक्स जमा करने के साथ बैंक संबंधी सभी कागजी कोरम पूरे करने होंगे।
वाराणसी [जेपी पांडेय] । परिवहन कार्यालय में नए वाहनों का पंजीयन कराना आसान नहीं होगा। पंजीयन से पहले स्वामी को वाहन का इंश्योरेंस, टैक्स जमा करने के साथ बैंक संबंधी सभी कागजी कोरम पूरे करने होंगे। इनमें से एक भी अधूरा होने पर परिवहन विभाग का साफ्टवेयर वाहन पंजीयन की कार्रवाई रोक देगा, क्योंकि टैक्स जमा कराने के बाद इंश्योरेंस कंपनी को भी परिवहन विभाग अपने साफ्टवेयर से कनेक्ट करेगा। शासन स्तर पर इसकी तैयारी कर ली गई है। जल्द ही विभाग के साफ्टवेयर में इसे लोड कर दिया जाएगा। अभी लोग वाहनों के पंजीयन नवीनीकरण में फर्जी इंश्योरेंस नंबर डाल देते हैं।
दूसरे वाहन का नहीं डाल सकेंगे इंश्योरेंस नंबर : परिवहन विभाग के साफ्टवेयर में इंश्योरेंस का कालम बना है। नंबर डालने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होती है। कुछ लोग दूसरे फर्जी नंबर डालकर अपने वाहनों का पंजीयन करा लेते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। विभाग के साफ्टवेयर में वाहन के इंश्योरेंस की तिथि, वैधता अवधि व उसका नंबर स्पष्ट दिखेगा। दूसरे वाहन का नंबर डालते ही साफ्टवेयर उसे फेल कर आगे की प्रकिया पर रोक लगा देगा।
ऐसे होता है वाहन पंजीयन : वाहन फाइनेंस होने के बाद पंजीयन फार्म पर बैंक का मुहर लगता है। वाहन स्वामी और बैंक दोनों के नाम से वाहन का पंजीयन होता है। वाहन का लोन पूरा होने पर बैंक से अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी होने के बाद परिवहन कार्यालय से वाहन स्वामी का नाम कटता है।
कई मामले न्यायालय में विचाराधीन : बैंक से फाइनेंस के बाद भी वाहन स्वामी संबंधित कागज नहीं दिखाते हैं। बाद में वाहन स्वामी दूसरे को वाहन बेच देते हैं। इस तरह के कई मामले न्यायालय में विचाराधीन होने के साथ परिवहन कार्यालय में विवादित पड़े हैं।
बोले अधिकारी : अब वाहनों की पंजीयन कराने के लिए स्वामी को सभी प्रपत्र पूरे करने होंगे। इसके बाद वाहन का पंजीयन होगा। फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने की तैयारी शासन स्तर पर है। -अमित राजन राय, एआरटीओ।