महंगाई की मार : मटर की कीमतों ने प्याज को दे दी पटखनी, सर्दी में सब्जियाें के दाम छूने लगे आसमान
बरसात के चलते हरी सब्जियों के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहा सब्जियों का दाम आसमान छू रहा है।
चंदौली, जेएनएन। लगातार हो रही बरसात के चलते हरी सब्जियों का दाम कम होने का नाम नहीं ले रहा। पूर्वांचल की सब्जी मंडियों में हरी सब्जियों का दाम इन दिनों आसमान छू रहा है। प्याज जहां एक ओर आमजन को रुला ही रहा था कि सब्जियों का राजा आलू भी दहाडऩे लगा है। अन्य हरी सब्जियां भी बेलगाम हो गयी हैं।भीषण महंगाई से भोजन का जायका तक बिगड़ गया है, दूसरी ओर किचन से हरी सब्जियां भी गायब हो गई हैं।
सब्जी के दाम में बेतहाशा वृद्धि के चलते गरीबों व आमजन की थालियों से सब्जियां गायब हो गई हैं। कृषि प्रधान तहसील क्षेत्र में हरी सब्जियों के भाव में वृद्धि होने से किसान सहित मध्यम वर्गीय तबका कराह रहा है। खरीदारी नाममात्र होने से दुकानों पर खपत भी कम हो गई है। तमाम प्रयास के बाद प्याज 40 से 60 रुपए प्रति किलो तक आ चुका है जबकि इसी बीच मटर की कीमतों ने 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंचकर सर्दी का जायका बिगाड़ दिया है। वहीं नया आलू 20 से 25 रुपए प्रति किलो है जो घटने का नाम नहीं ले रहा।
सब्जियों की कीमतों में लगातार इजाफे से गृहणियाें के घर का बजट बिगड़ने से किचन के जायके में कटौती तक की नौबत आ चुकी है। हरी सब्जियों के के दाम में वृद्धि होने के मूल में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश होने को बताया जा रहा है। इस मौसम में गांव देहात में चावल व निमोना थाली में देखा जाता था। पर महंगाई के चलते थाली से निमोना भी गायब है। सब्जी के दामों में बढ़ोतरी ने गरीबों की मुश्किलें बढ़ा दी है। गृहणियों को कंजूसी से रसोई चलानी पड़ रही है। सब्जी विक्रेता किलो का भाव बताने के बजाय पाव का ही रेट बता रहे हैं। सब्जी के दाम महंगे होने के चलते विक्रेता उतनी ही सब्जियां मंडी से उठा रहे हैं, जितनी बिक जाय।