लैंड पुलिंग योजना के तहत किसानों से समझौता कर वीडीए विकसित करेगा कालोनी
किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की बजाय उन्हें पार्टनर बनाकर विकास का खाका खींचेगा। इस नीति के तहत किसानों से समझौता कर उनकी जमीन पर कालोनियां बसाई जाएंगी।
वाराणसी [जेपी पांडेय]। विकास प्राधिकरण किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की बजाय उन्हें पार्टनर बनाकर विकास का खाका खींचेगा। इस नीति के तहत किसानों से समझौता कर उनकी जमीन पर कालोनियां बसाई जाएंगी। किसान चाहें तो सर्किल रेट से वीडीए को जमीन बेच दे या किसी अन्य को यह उनके विवेक पर निर्भर करेगा। इस नई व्यवस्था को लागू करने की वजह है किसान की जमीन अधिग्रहण करने पर वीडीए को ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना और शहर में दोगुना सर्किल रेट से पैसा देना पड़ रहा है। ऐसे में प्लाट और फ्लैट दोनों निजी क्षेत्र की तुलना में काफी महंगा पड़ता है। बदली व्यवस्था लागू करने के लिए लैंड पुलिंग योजना के तहत जल्द ही वीडीए किसानों से बातचीत शुरू करेगा।
कालोनाइजर किसानों से जमीन खरीदने के साथ वीडीए से बिना ले-आउट पास कराए कालोनी आबाद करते हैं। ऐसी कालोनियों में प्लाट खरीदकर मकान बनवाने के बाद लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए विकास प्राधिकरण में दौड़भाग करने के साथ विरोध-प्रदर्शन करते हैं। इससे आए दिन माहौल बिगड़ता है। वीडीए चाहने के बावजूद अवैध तरीके से आबाद हो रही कालोनियों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है।
नहीं होगा धोखा: कालोनाइजर किसानों से जमीन का एग्रीमेंट कराने के साथ उसे बेच देते हैं। बाद में किसानों को पूरा भुगतान करने से पल्ला झाड़ लेते हैं। आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
किसानों को मिलेगी उचित कीमत : कालोनाइजर या एजेंट की बजाय किसान खुद विकास करें, इसको लेकर शासन लैंड पुलिंग योजना शुरू कर रहा है। इससे किसानों को उनकी जमीन की उचित कीमत मिलेगी।
क्या है लैंड पुलिंग योजना : लैंड पुलिंग योजना के तहत वीडीए किसानों की जमीन लेने के साथ उसमें सड़क, बिजली, सीवर, पानी समेत विभिन्न सुविधाओं को विकसित करेगा। बाद में बची जमीन का आधा हिस्सा वीडीए लेगा और आधा किसान को मिलेगा। बाद में किसान चाहें तो सर्किल रेट पर उस जमीन को वीडीए को बेचे या किसी अन्य को। इससे अवैध कालोनियों पर रोक लगने के साथ वहां रहने वालों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।