वाराणसी के युवाओं ने गाली न देने का लिया संकल्प, हस्ताक्षर अभियान चलाकर शुरू की पहल
गुरुवार को हरसोस गांंव में अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा मनाया। इस अवसर पर युवाओं ने भेदभाव और महिला हिंसा के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया और लैंगिक भेदभाव को मिटाने और गाली नही देने की कसमेंं खायींं। उन्होंने गांंव की बहूू बेटियों मांं-बहनों की इज्जत करने का संकल्प लिया।
वाराणसी, जेएनएन। लोक समिति, आशा ट्रस्ट, सहयोग संस्था के संयुक्त तत्वावधान में एक साथ अभियान से जुड़े समानता के साथियों ने गुरुवार को हरसोस गांंव में अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा मनाया। इस अवसर पर युवाओं ने भेदभाव और महिला हिंसा के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया और लैंगिक भेदभाव को मिटाने और गाली नही देने की कसमेंं खायींं। उन्होंने गांंव की बहूू, बेटियों, मांं-बहनों की इज्जत करने का संकल्प लिया।
समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा के तहत समाज के सभी वर्ग के लोगों के बीच जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। युवाओं में विशेष रूप से लैंगिक भेदभाव के खिलाफ कार्यक्रम चलाया जा रहा है, क्योंकि युवा स्वस्थ होगा तो देश भी स्वस्थ होगा। देश को स्वस्थ बनाने के लिए युवाओं को नशा, अनुशासन हीनता,असमानता, छुआछूत जैसे सामाजिक बुराइयों से दूर रहना होगा।
एक साथ अभियान व युवा लोक समिति संयोजक रामबचन ने कहा कि हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की जरूरत है, उन्हें बुरी आदतों जैसे- नशा, जुआ, हिंसा, गाली गलौज मारपीट इत्यादि से बचाने की जरूरत है, क्योंकि चरित्र निर्माण ही देश की, समाज की, उन्नति के लिए आवश्यक है। दुश्चरित्र युवा न तो अपना भला कर सकता है, न समाज का और न ही अपने देश का।
लैंगिक भेदभाव व महिला हिंसा को जड़ से मिटाने के लिये युवाओं और पुरुषों को आगे आना पड़ेगा। कार्यक्रम में मुख्यरूप से रामबचन, सुनील गौड़, सुजीत कुमार, प्यारेलाल, अमित, धर्मेन्द्र कुमार, सिकन्दर, विशाल राय, धन्नू, शीत कुमार आदि लोग शामिल रहे। कार्यक्रम संचालन रामबचन और अध्यक्षता सुनील मास्टर ने किया।