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बनारस रोकेगा सोशल मीडिया से फेक न्यूज की बाढ़, सामाजिक समरसता को मिलेगी धार

दैनिक जागरण के सहयोगी मीडिया प्लेटफार्म विश्वास न्यूज ने फेक न्यूज को रोकने के लिए एक मुहिम शुरू की है।

By Edited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 01:02 AM (IST)
बनारस रोकेगा सोशल मीडिया से फेक न्यूज की बाढ़, सामाजिक समरसता को मिलेगी धार
बनारस रोकेगा सोशल मीडिया से फेक न्यूज की बाढ़, सामाजिक समरसता को मिलेगी धार

वाराणसी, जेएनएन। दैनिक जागरण के सहयोगी मीडिया प्लेटफार्म विश्वास न्यूज ने फेक न्यूज को रोकने के लिए हाल ही में एक मुहिम शुरू की है। इसके तहत कैंट स्थित होटल प्लाजा इन में दो दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत बुधवार को हुई। पहले दिन दो सत्रों में महिलाओं संग कालेज एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और 100 से अधिक सुपर चैंपियन निकले। ये सभी फेक न्यूज को आगे बढ़ने से रोकेंगे और हर मोर्चे पर फेक न्यूज का पर्दाफाश करेंगे। विश्वास न्यूज ने 15 दिन के अभियान में तीन राज्यों के नौ शहरों को कवर करते हुए 2000 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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इन्हीं दो हजार सुपर चैंपियन के जरिए एक लाख लोगों तक पहुंच बनाकर फेसबुक व वाट्सएप जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर फेक न्यूज की बाढ़ को रोका जा सकेगा। सुबह के सत्र में छात्र-छात्राओं ने फेक न्यूज को पहचानने से लेकर उसे रोकने का तरीका जाना। दूसरे सत्र में महिलाओं ने न्यूज, फोटो, वीडियो, ऑडियो को आगे बढ़ाने से पहले सत्यता परखने का तरीका जाना। सोशल साइट के कंटेंट पर आंख मूंदकर न करें विश्वास विश्वास न्यूज की ओर से जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडीटर (न्यूज) प्रत्यूष रंजन ने कहा कि सोशल साइट से आज जो भी फोटो, वीडियो या कंटेंट आता है, विशेषकर जो मन में शंका पैदा करे, उस पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। उसकी सच्चाई की जांच करने के बाद आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने उदाहरण देते हुए सच, झूठ, राय, अफवाह में अंतर बताया। कहा कि फेसबुक या वाट्सएप पर जो मैसेज आते हैं, उसके यूआरएल को देखकर उसकी सच्चाई जानें। किनारे लॉक का सिंबल बना है तो सिक्योर साइट है, ऐसा न होने पर यूआरएल सिक्योर नहीं माना जाता। ऐसे में ट्रांजैक्शन करते समय सावधान रहें। कार्यशाला में उन्होंने फेक न्यूज की पहचान के लिए इनविड, गूगल इमेज आदि जैसे कई टूल्स भी बताए। वाट्सएप के नए फीचर की जानकारी भी दी। मसलन यदि किसी ग्रुप में फेक न्यूज की भरमार तो आप वाट्सएप को रिपोर्ट कर सकते हैं।

जागरण न्यू मीडिया के न्यूज एडीटर आशीष महर्षि ने फेक न्यूज को उदाहरण संग प्रस्तुत कर सचेत किया। ऑफर या इनाम के फेर में न पड़ें अगर आपके मोबाइल पर किसी ऑफर या इनाम जीतने का संदेश आए तो उससे सतर्क रहें। इस प्रकार के मैसेज पर दिए गए लिंक को क्लिक करने की गलती न करें। ऐसे लिंक को खोलने से अनचाहे एप आपकी जानकारी के बगैर मोबाइल में इंस्टाल हो जाते हैं। इससे मोबाइल हैकिंग के खतरा संग व्यक्तिगत जानकारी लीक होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग एजेंसी से है मान्यता विश्वास न्यूज इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग एजेंसी (आइएफसीए) से मान्यता प्राप्त है। विश्व में केवल 62 मीडिया संस्थानों को इससे मान्यता मिली है। विश्वास न्यूज के अभियान में फेसबुक अधिकृत पार्टनर है।

विश्वास न्यूज को फेसबुक फैक्ट जांच करने के लिए देता है, जिसे जांचने के बाद विश्वास न्यूज अपनी वेबसाइट पर उसके विषय व सच्चाई के बारे में बताता है। खबरों की जानना हो सच्चाई तो करें संपर्क विश्वास न्यूज किसी भी तरह की फेक न्यूज या इस तरह के वायरल न्यूज की पड़ताल करता है। यदि आप भी किसी वायरल खबर के पीछे की सच्चाई जानना चाहते हैं तो विश्वास न्यूज के वाट्सएप नंबर- 9205270923 या वेबसाइट पर संपर्क कर संबंधित खबर को भेज सकते हैं। विश्वास न्यूज की टीम जांचने-परखने के बाद सत्यता से वाकिफ कराएगी। अभिनव वर्मा ने कहा कि हम अक्सर फेक न्यूज से दो-चार होते हैं। मगर इसे साबित करने को अभी तक ऐसी किसी विधि की जानकारी नहीं थी। राज गुप्ता ने कहा कि कार्यशाला बहुत ही कारगर रही। दैनिक जीवन में बहुत से लोग अनजाने में गलत जानकारी और अफवाहों को हवा देते हैं। सोनाली मेहरा के मुताबिक सोशल साइट की गलत खबर अनावश्यक बहस से सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर रही। ऐसे में यह सराहनीय प्रयास है।

- डा. माया सिंह के अनुसार सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का शिकार युवा हो रहे हैं। उनके व्यवहार में बदलाव आया है। समय रहते लगाम जरूरी है।


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