Varanasi Weather Update : अभी तीन से चार दिनों तक धूप के साथ ही तापमान बढ़ने की संभावना
मानसून का बना ट्रफ दक्षिण की ओर सक्रिय है। अभी दो दिन पूर्व जो चक्रवाती दबाव आंध्र कोस्ट की ओर बना था वह भी उसी ट्रफ में समाहित हो गया। इधर हवा भी दक्षिण-पश्चिमी से घूमकर पुरवा हो गई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : एक बार फिर मौसम रंग बदलता दिख रहा है। पानीदार बादल दक्षिण की ओर बढ़ चले हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आसमान में बादलों की सघनता कम हाेने व हवा विपरीत होने से फिलहाल अच्छी वर्षा के आसार क्षीण हो चले हैं। लोगों को एक बार फिर उमस भरी गर्मी के लिए तैयार रहना होगा। इस बीच बहुत हुआ तो स्थानीय उष्णता और भरपूर नमी के चलते कहीं-कहीं, कभी-कभार सुबह के समय या दोपहर के बाद बूंदाबांदी भर हो सकती है।
अभी चार दिन पूर्व तक अच्छी वर्षा की संभावना जता रहे मौसम विभाग ने भी अब अपनी साइट की भविष्यवाणियां बदल दी हैं। बीएचयू में मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि अभी इधर तीन-चार दिनों तक तो धूप के साथ ही तापमान बढ़ने की ही संभावना है। आसमान में बादलों के टुकड़े काफी ऊंचाई पर ही दिख सकते हैं। वर्षा हुई भी तो महज बूंदाबांदी तक ही सीमित रह सकती है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि दरअसल मानसून का बना ट्रफ दक्षिण की ओर सक्रिय है। अभी दो दिन पूर्व जो चक्रवाती दबाव आंध्र कोस्ट की ओर बना था, वह भी उसी ट्रफ में समाहित हो गया। इधर हवा भी दक्षिण-पश्चिमी से घूमकर पुरवा हो गई। अब पूरब में बिहार, बंगाल की तरफ तो बादल हैं नहीं। बंगाल की खाड़ी उदास पड़ी है। ऐसे में बादल आएंगे कहां से। हवा की दिशा यदि पहले की तरह दक्षिणी-पश्चिमी रहती तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि की तरफ बादल इधर बढ़ते।
ऐसे में हालात वर्षा के प्रति निराशाजनक ही हैं। हां, वातावरण में आर्द्रता भरपूर लगभग 90 प्रतिशत तक है। ऐसे में तीखी धूप से प्रतिक्रिया कर दोपहर बाद बादल बनकर बूंदाबांदी के रूप में वर्षा कभी-कभार कहीं-कहीं हो सकती है। इन्ही कारकों की वजह से मंगलवार को तापमान में 1.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई और अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। इसी तरह न्यूनतम तापमान भी 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा। हालांकि दोनों सामान्य स्तर पर ही रहे। मंगलवार को तापमान बढ़कर 38 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।