Move to Jagran APP

वाराणसी में 4000 लीटर तक पहुंचा ऑक्सीजन का उत्पादन, मांग भी बढ़कर 5500 लीटर तक पहुंची

ऑक्सीजन का उत्पादन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ रही है लेकिन उसे कही ज्यादा मांग भी बढ़ती जा रही है। हालांकि इस बीच सोमवार की रात को प्रशासन ने इस संबंध में बैठक की। ताकि ऑक्सीजन व इंजेक्शन की कमी नहीं होने पाए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 11:33 AM (IST)
वाराणसी में 4000 लीटर तक पहुंचा ऑक्सीजन का उत्पादन, मांग भी बढ़कर 5500 लीटर तक पहुंची
ऑक्सीजन का उत्पादन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ रही है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भले ही ऑक्सीजन का उत्पादन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ रही है, लेकिन उसे कही ज्यादा मांग भी बढ़ती जा रही है। हालांकि इस बीच सोमवार की रात को प्रशासन ने इस संबंध में बैठक की। ताकि ऑक्सीजन व इंजेक्शन की कमी नहीं होने पाए। फिलाहल शहर के सरकारी एवं निजी सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की 2000 डोज आपूर्ति कराई गई। वहीं इसकी मांग बढ़कर अब 5000 तक पहुंच गई है। वहीं जब आक्सीजन का उत्पादन बढ़कर 4000 लीटर तक पहुंचा तो इसकी मांग भी 5000 लीटर से अधिक हो गई। 

loksabha election banner

ऑक्सीजन ही नहीं सिलेंडर की भी कमी पड़ रही है। खैर, इस कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर 600 सिलेंडर अहमदाबाद से मंगवाया है। इससे काफी हद तक समस्या का समाधान होगा। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में उपयोग होने वाले 250 सिलेंडर भी अस्पतालों में उपचार के लिए उपयोग किया जा रहा है। ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के सहायक औषधि आयुक्त केजी गुप्ता ने बताया कि सभी अस्पतालों में सोमवार को 2000 रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराया गया। हालांकि, इसकी 5000 तक मांग होने लगी है। उन्होंने बताया कि अब ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़कर 4000 लीटर तक पहुंच गया है। जो कमी हो रही है उसे अन्य जिलो से मंगाई जा रही है।

इससे पहले पर कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण ऑक्सीजन की मांग तीन दिन पहले 5000 लीटर थी, जो बढ़कर 5500 लीटर तक पहुंच गई है। वैसे गनीमत हैं कि बीएचयू में पिछले साल ही लॉकडाउन के बाद ऑक्सीजन की क्षमता तीन गुना बढ़ा ली गई थी। इससे बीएचयू में फिलहाल ऑक्सीजन की कमी नहीं हो रही है। वरना वहां भी स्थिति खराब हो गई होती। बीएचयू में ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ने से प्रशासन को अब सिर्फ अन्य अस्पतालों में ही आपूर्ति का ध्यान है। ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के सहायक औषधि आयुक्त केजी गुप्ता ने बताया कि फिलहाल किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि इसकी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है। हां, ऐसे भी लोग हैं जिनका पर्सनल सिलेंडर पहले से ही है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.