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जीरो वेस्ट माडल के रूप में विकसित होंगे वाराणसी के रेलवे स्टेशन और कालोनी, उत्तर रेलवे ने की साझेदारी

उत्तर रेलवे के रेलवे स्टेशन और यहां की कॉलोनिया जीरो वेस्ट मॉडल के रूप में विकसित होंगी।रेलवे प्रशासन ने उत्‍तर प्रदेश सरकार और जर्मन डेवलेपमेंट को-ऑपरेशन-जीआईजैड इंडिया के साथ साझेदारी की है। स्वच्छता पखवाड़ा शुभारंभ के अवसर पर एक वर्षीय कार्यक्रम शुरू हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 10:10 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 10:10 PM (IST)
जीरो वेस्ट माडल के रूप में विकसित होंगे वाराणसी के रेलवे स्टेशन और कालोनी, उत्तर रेलवे ने की साझेदारी
उत्तर रेलवे के रेलवे स्टेशन और यहां की कॉलोनिया जीरो वेस्ट मॉडल के रूप में विकसित होंगी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर रेलवे के रेलवे स्टेशन और यहां की कॉलोनिया जीरो वेस्ट मॉडल के रूप में विकसित होंगी। रेलवे प्रशासन ने उत्‍तर प्रदेश सरकार और जर्मन डेवलेपमेंट को-ऑपरेशन-जीआईजैड इंडिया के साथ साझेदारी की है। स्वच्छता पखवाड़ा  शुभारंभ के अवसर पर एक वर्षीय कार्यक्रम शुरू हो गया है।

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इस बाबत उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि गुरूवार को स्‍वच्‍छता पखवाड़े की शुरूआत के अवसर पर उत्‍तर रेलवे ने उत्‍तर प्रदेश सरकार और जर्मन डेवलपमेंट कार्पोरेशन के साथ साझेदारी में वाराणसी शहर में रेलवे स्‍टेशनों और रेलवे कालोनियों में स्‍थायी अपशिष्‍ट प्रबंधन व्‍यवस्‍था के लिए सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों के अंतर्गत एक वर्षीय कार्यक्रम की शुरूआत हुई है।

इस पहल का उद्देश्‍य तीन से छह माह की अल्‍पावधि में वाराणसी शहर में ज़ीरो वेस्‍ट रेलवे स्‍टेशन और ज़ीरो वेस्‍ट रेलवे कालोनी का मॉडल विकसित करना है।

कचरा ऑडिट से कचरे की संरचना को समझने तक सूखे और गीले कचरे के प्रबंधन के लिए उपयुक्‍त तकनीकों का सुझाव देने और उसे लागू करने के लिए चयनित रेलवे स्‍टेशन और चयनित रेलवे कालोनियों में कचरा प्रबंधन गतिविधियों की पूरी श्रृंखला शुरू की जायेगी।

रेल मंत्रालय के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार फंडिंग पार्टनर्स के सहयोग से बायोडिग्रेडेबल कचरे और गैर बायोडिग्रेडेबल कचरे के ट्रीटमेंट की सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जायेंगी। इस दौरान इस संबंध में रेलवे द्वारा किए गए प्रयासों व अनुभवों का वीडियो साझा किया जायेगा। इसे अन्‍य क्षेत्रीय रेलवों स्‍थानों और मंडलों के लिए भी चलाये जाने की भी योजना है ताकि वे भी लाभांवित हो सकें।

तीन से 12 महीने की मध्‍यम अवधि की गतिविधियों में रेलवे अधिकारियों और उत्‍तर प्रदेश सरकार के साथ गहन बातचीत के साथ प्रशिक्षण आवश्‍यकताओं का मूल्‍यांकन करने व रेलकर्मियों के विभिन्‍न स्‍तरों के लिए अपशिष्‍ट प्रबंधन के विभिन्‍न पहलुओं पर प्रशिक्षण मॉड्यूल की योजना और विकास भी इसमें शामिल है। मॉड्यूलों के माध्‍यम से व्‍यापक पहुँच हेतु इनकी ऑनलाइन होस्टिंग के साथ-साथ चिकित्‍सकों के लिए टूल-किट का भी विकास किया जायेगा। जागरूकता पैदा करने के लिए सतत् आईईसी गतिविधियों और रेलवे कर्मचारियों के प्रशिक्षण की भी योजना है। इस परियोजना के परिणामों से न केवल वाराणसी में रेलवे प्रणाली को लाभ होगा बल्कि इसका उपयोग उत्‍तर रेलवे के साथ ही साथ क्षेत्रीय रेलों की अन्‍य इकाईयां भी लाभांवित होंगी।


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