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Varanasi News: लखनऊ से ज्यादा खतरनाक है बनारस में अवैध निर्माण, जमीन से ज्यादा हवा में लटके कई मकान

लखनऊ के वजीर हसन रोड पर सोमवार को पांच मंजिला भवन भर भराकर गिरने से कई लोगों की मौत होने के साथ लोग घायल हो गए है लेकिन उससे कहीं ज्यादा खतरनाक बनारस में पांच से छह मंजिला मकान बने हैं।

By jayprakash pandeyEdited By: Shivam YadavPublished: Thu, 26 Jan 2023 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jan 2023 06:23 PM (IST)
Varanasi News: लखनऊ से ज्यादा खतरनाक है बनारस में अवैध निर्माण, जमीन से ज्यादा हवा में लटके कई मकान
दालमंडी में सकरी गली में अवैध तरीके से बन गया पांच मंजिल। जागरण

वाराणसी, जागरण संवाददाता: लखनऊ के वजीर हसन रोड पर सोमवार को पांच मंजिला भवन भर भराकर गिरने से कई लोगों की मौत होने के साथ लोग घायल हो गए है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा खतरनाक बनारस में पांच से छह मंजिला मकान बने हैं। कई मकान तो जमीन से ज्यादा हवा में है। जैसे-जैसे मंजिल बढ़ाते गए, वैसे-वैसे अपने मकान का छज्जा निकालते रहे। यह मकान भूकंप का हल्का झटका भी सहने की स्थिति में नहीं है। 

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इतना ही नहीं, जिन सकरी गलियों में पांच से छह मंजिला मकान बने हैं उसकी सही ढंग से नींव भी नहीं भरी गई है। आसपास के मकानों के सहारे खड़े हैं। यदि पड़ोसी अपना मकान गिराकर बनाना चाहे तो यह संभव नहीं है। कई बार पड़ोसी के मकान बनाने पर दूसरे के मकान में दरार पड़ चुकी है। इसके लिए जितना जिम्मेदार मकान मालिक है उससे कहीं ज्यादा वाराणसी विकास प्राधिकरण भी है, क्योंकि देखने के बाद भी वीडीए जोनल अधिकारी, अवर अभियंता और कर्मचारी नहीं रोकते हैं। 

वीडीए की लापरवाही के चलते जैतपुरा, आदमपुर, कोतवाली, चौक, चेतगंज, भेलूपुर और नगवां वार्ड की सकरी गलियों में देखा जाए तो हर चौथा मकान चार मंजिल का बना है। कई पांच से छह मंजिल तक बने हैं। उन मकानों को देखने के लिए लोगों को अपनी गर्दन सीधी करनी पड़ती है, फिर भी मकान पूरा दिखाई नहीं पड़ता है।

पुराने मकानों पर नया निर्माण

कुछ भवन स्वामी पुराने मकानों पर दो से तीन मंजिल नया निर्माण कर लिए हैं। पुराना मकान ईंट से मिट्टी, चूने और सफेद बालू से जोड़ी गई है। अधिक वजन होने के चलते कई मकानों में दरार भी पड़ चुकी है लेकिन वे खाली नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि आए दिन मकान गिरने से लोग घायल होते रहते हैं। 

अभियंता बचने के लिए जारी कर देते हैं नोटिस

वीडीए कर्मी क्षेत्र में अवैध निर्माण देखने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। कोरम पूरा करने के लिए नोटिस जारी कर सील या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर कागज का पेट भर देते हैं जिससे हादसा होने पर उनके ऊपर कोई सवाल नहीं उठे। बड़ादेव व सोनिया में निर्माणाधीन मकान से ईंट गिरने से दो युवती की मौत हो गई। इसी प्रकार चौकाघाट मेंं भाजपा नेता के निर्माणाधीन मकान से ईंट गिरने से दो लोगों की मौत हुई लेकिन कार्रवाई आज तक किसी के खिलाफ नहीं हुई। वीडीए अवैध निर्माण तोड़ने की बजाय कागजी घोड़ा दौड़ा रहा है।

शिवपुर में बैठ गया था चार मंजिला हॉस्टल

शिवपुर में एक व्यक्ति ने तालाब की जमीन पर मिट्टी पाटकर हास्टल बनाया था। साथ ही कुछ हिस्से में निर्माण चल रहा था। बारिश होने के साथ एक मंजिल मकान पूरा जमीन में धंस गया। उसके अंदर रह रहे छात्र किसी तरह भागकर अपनी जान बचाए। मामला उजागर होते ही वीडीए ने हो-हल्ला शुरू कर दिया। अवैध निर्माण तोड़ने के लिए वीडीए की टीम कई दिनों तक गई लेकिन कुछ हिस्सा तोड़कर शांत बैठ गई।


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