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मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी पीएम के संसदीय क्षेत्र में पोस्ट नहीं हो पा रहे तेजतर्रार दारोगा Varanasi news

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपराधी लगातार कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 09:19 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 09:19 AM (IST)
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी पीएम के संसदीय क्षेत्र में पोस्ट नहीं हो पा रहे तेजतर्रार दारोगा Varanasi news
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी पीएम के संसदीय क्षेत्र में पोस्ट नहीं हो पा रहे तेजतर्रार दारोगा Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपराधी लगातार कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बीते तीन माह में ताबड़तोड़ सनसनीखेज वारदातों ने बनारस की पुलिसिंग को कठघरे में खड़ा कर दिया है। बेलगाम बदमाशों को काबू करने में पुलिस के पसीने छूट जा रहे। चोरी-छिनैती की घटनाओं पर काबू पा रहे तो रंगदारी, अपहरण से लेकर हत्याओं का दौर शुरू हो जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम के शहर बनारस में कानून - व्यवस्था चुस्त बनाए रखने के लिए कई समीक्षा बैठकों में एसएसपी को आदेश दिया कि क्राइम फ्रंट पर काम करने वाले इंस्पेक्टर नहीं है तो दारोगा को थाने की कमान दें लेकिन क्राइम कंट्रोल हो। एसएसपी ने हालात को देखते हुए कुछ तेजतर्रार दारोगा को पोस्टिंग देनी चाही तो एक आला अधिकारी ने नियम का हवाला देते हुए दारोगाओं को थाने की कमान देने से रोक दिया। तैनाती को लेकर दो साहबों की 'मौन जंग' से बनारस में अपराध का पारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 

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थानेदार नहीं मैनेजर बन गए हैं : पुलिस अधिकारी भी मान रहे कि क्राइम ब्रांच के अलावा किसी भी थाने का अभी रिपोर्ट कार्ड ऐसा नहीं है जो प्रथम श्रेणी में पास हो। बनारस में होने वाले अपराध को लेकर वर्तमान में जिले में थाने की कुर्सियों पर कब्जा जमाए अधिकतर इंस्पेक्टरों की हालत तो ऐसी है कि एक लाख इनामी झुन्ना पंडित हो या फिर बीकेडी, बगल से गुजर जाएं तो पहचान न सकें। कुछ इंस्पेक्टरों को उनके पुराने रिकार्ड, सिफारिश के आधार पर बार्डर से लेकर शहर के क्रीम थानों की गद्दी पर बैठाया गया लेकिन वे थानेदार के बजाए 'मैनेजर' बन गए। बार्डर पर तैनात कई प्रभारी तो सीधे पशु, शराब की तस्करी में संलिप्त हो गए। जो बार्डर पर नहीं हैं वे जमीन की पंचायत में अधिक व्यस्त रहते हैं। 

नस-नस पहचानने वाले पड़ोसी जिले में हैं तैनात : बनारस के अपराधियों की नस-नस से वाकिफ कई इंस्पेक्टर, दारोगा इस समय पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में तैनात हैं तो कई सिविल के बजाय दूसरे विंग में हैं। अधिकारी भी कहते हैं कि क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह और कैंट इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी को छोड़कर और कोई फिलहाल क्राइम के मोर्चे पर काम करने वाला नहीं है। बनारस में अपनी तैनाती के दौरान दमखम से थाना चलाने वाले एसपी सिंह, शिवानंद मिश्र चंदौली में तैनात हैं। अनिरूद्ध सिंह सीबीसीआइडी तो विपिन राय एसटीएफ में बनारस में तैनात हैं तो गिरजाशंकर त्रिपाठी लखनऊ में हैं। ये सभी बनारस के जिस थाने पर तैनात रहे, वहां सिंघम वाली छवि के रूप में ख्याति मिली। जिले के एक अधिकारी ने इन तेजतर्रार इंस्पेक्टरों को बनारस में पोस्टिंग कराने का प्रयास भी अपने स्तर से किया लेकिन मामला नहीं बन पाया। 


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